आस्था

गोवर्धन परिक्रमा का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल गोवर्धन, मथुरा से 26 किलोमीटर पश्चिम में डीग हाईवे पर स्थित है। कहा जाता है कि यहां के कण-कण में भगवान श्रीकृष्ण का वास है। यहां एक प्रसिद्ध पर्वत है जिसे गोवर्धन पर्वत अथवा गिरिराज कहा जाता है। यह पर्वत छोटे-छोटे

-गतांक से आगे… सरयुतीरविहार सज्जन ऋषिमन्दार नारायण ॥ 16 ॥ विश्वामित्रमखत्र विविधवरानुचरित्र नारायण ॥ 17 ॥ ध्वजवज्राङ्कशपाद धरणीसुतसहमोद नारायण ॥ 18 ॥ जनकसुताप्रतिपाल जय जय संस्मृतिलील नारायण ॥ 19 ॥ दशरथवाग्धृतिभार दण्डक वनसञ्चार नारायण ॥ 20 ॥ मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार नारायण ॥ 21 ॥ वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य नारायण ॥ 22 ॥ मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर

कोरोना वायरस के बारे में अभी भी दुनियाभर में रिसर्च हो रही है, क्योंकि इसके बारे में हम बहुत कुछ नहीं जानते हैं। भारत समेत दुनिया के 50 से अधिक देशों में ये वायरस अभी कंट्रोल में नहीं आया है, इसका खतरा संभावित रूप से हर एक व्यक्ति को है… ये बात आप लंबे समय

घमौरियां ज्यादातर गले, पेट और पीठ पर अधिक प्रकोप दिखाती हैं। गर्मियों में सबसे ज्यादा परेशानी घमौरियों से ही होती है। इस समस्या से छोटे से लेकर बड़ा हर कोई परेशान रहता है। बहुत से लोग इससे बचने के लिए सूती कपड़े का प्रयोग करते हैं, तो कुछ बर्फ  को अपने शरीर पर लगाते हैं,

ओशो बुद्ध का अर्थ है गहराई। हम जितनी गहराई में डूबते हैं उतने ही बुद्ध के समीप आ जाते हैं। आजकल प्रत्येक मनुष्य शक्तिशाली बनना चाहता है, अकसर लोग शक्ति का प्रयोग दुस्साहस के रूप में करते हैं। एक बार भगवान बुद्ध के एक शिष्य ने उनसे पूछा, भगवान क्या इस चट्टान पर किसी का

श्रीश्री रवि शंकर परम सत्य की खोज करने वालों के लिए योग एक ऐसा मार्ग है, जो साधक को मानव क्षमता की संपूर्णता प्राप्त करने की अनुभूति प्रदान करता है। यह एक ऐसा रास्ता है, जो मनुष्य को अनंत के साथ एकाकार होने का उच्चतम ध्येय प्राप्त करने में सहयोग करता है… योग का अर्थ

बाबा हरदेव मनुष्य अपने ही बनाए केंद्र से सारी दुनिया को देखता है, परंतु यह इसके अहंकार का भ्रम है, जबकि वास्तव में व्यक्ति परम केंद्र नहीं है, यह तो जीवन की मांग मात्र है। जैसे सागर की लहर सागर का केवल मात्र एक हिस्सा है। सागर का केंद्र नहीं है, वैसे ही हम जीवन

श्रीराम शर्मा प्राचीनकाल में गोदावरी नदी के किनारे वेदधर्म मुनि के आश्रम में उनके शिष्य वेद, शास्त्रादि का अध्ययन करते थे। एक दिन गुरु ने अपने शिष्यों की गुरुभक्ति की परीक्षा लेने का विचार किया। शिष्यों में गुरु के प्रति इतनी अटूट श्रद्धा होती है कि उस श्रद्धा को नापने के लिए गुरुओं को कभी-कभी

* पेट दर्द दूर करने के लिए नींबू के रस में सेंधा नमक डालकर पिएं। * हल्दी वाला दूध बॉडी पेन दूर करके इम्युनिटी बढ़ाता है। *  यदि कान में कीड़ा चला जाए, तो सरसों के तेल को गुनगुना करके कान में डालें। *  संतरे के रस में नमक और कालीमिर्च डालकर हर रोज पीने