आस्था

भारत देश में ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं, जो आस्था का केंद बने हुए हैं, परंतु साथ ही यह आश्चर्य का विषय भी बने हुए हैं। ऐसा ही एक मंदिर है हरिहर नाथ, जो बिहार की राजधानी पटना से 5 किमी. उत्तर सारण में गंगा और गंडक के संगम पर सोनपुर नामक कस्बे में स्थित

सबरीमाला मंदिर करीब 800 साल पुराना माना जाता है और इसमें महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद चला आ रहा है। इसे लेकर ये मान्यता है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी माने जाते हैं। जिसकी वजह से इस मंदिर में 10 से 50 साल तक की महिलाओं का आना वर्जित है। भगवान अयप्पा के दर्शन के

हिमाचल प्रदेश में देवी-देवताओं का वास होने के कारण हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश में कई देवी-देवताओं के स्थल हैं तथा इन्हीं देवस्थलों में नूरपुर के ऐतिहासिक  एवं प्राचीन किले में स्थित भगवान श्रीबृजराज स्वामी का मंदिर भी सुप्रसिद्ध है। स्वामी बृजराज मंदिर प्रदेशवासियों सहित क्षेत्रवासियोंं व बाहरी राज्यों

श्रीराम शर्मा मनुष्य हर तरफ  से शास्त्र और शब्दों से घिरा है, लेकिन संसार के सारे शास्त्र एवं शब्द मिलकर भी साधना के बिना अर्थहीन हैं। शास्त्रों और शब्दों से सत्य के बारे में तो जाना जा सकता है, पर इसे पाया नहीं जा सकता। सत्य की अनुभूति का मार्ग तो केवल साधना है। शब्द

उसके मर्मभेदी आक्रमण से मैं आहत हो गया। ‘कुछ सिद्ध करने को है। मैं साथ दूंगी।’ वह और समीप आ गई। पथरा-सा गया मैं। चैत्य में गहरा सन्नाटा था। हम दोनों सर्वथा एकांत में थे, पर तंत्र में रुचि रखने के बावजूद परंपरागत संस्कारों के कारण विश्व-मित्र बनने का प्रश्न ही नहीं था। मैं धीरे-से

मुनि के शाप के कारण ही धर्मराज को विदुर जी का अवतार लेना पड़ा था। वे काल की गति को भली-भांति जानते थे। उन्होंने अपने बड़े भ्राता धृतराष्ट्र को समझाया कि महाराज! अब भविष्य में बड़ा बुरा समय आने वाला है। आप यहां से तुरंत वन की ओर निकल चलिए। कराल काल शीघ्र ही यहां

प्रत्येक देवी-देवता की साधना में मंत्र जप, कवच एवं स्तोत्र पाठ तथा न्यासादि करने से पहले विनियोग पढ़ा जाता है। इसमें देवी या देवता का नाम, उसका मंत्र, उसकी रचना करने वाले ऋषि, उस स्तोत्र के छंद का नाम, बीजाक्षर शक्ति और कीलक आदि का नाम लेकर अपने अभीष्ट मनोरथ सिद्धि के लिए जप का

सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी मां को समर्पित करते हुए

कई बार तो ऐसा होता है कि आप किसी काम को बहुत ही जल्दबाजी में करती हैं और ऐसा करते समय हमारी मांसपेशियां खिंच जाती हंै। मांसपेशियों में होने वाला यही खिंचाव हमारे कमर दर्द का कारण बनता है… बढ़ती उम्र अपने साथ कई तरह की शारीरिक बीमारियां और दर्द साथ लेकर आती है, इनमें