आस्था

केवल परीक्षा के समय ही नहीं बल्कि दिमाग का हर समय सक्रिय होना जरूरी है। इसके लिए आप खान-पान से लेकर अन्य कई तरीके भी आजमाते हैं ताकि बच्चों का दिमाग तेज हो और वे हर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करें। जानिए आसान और प्रभावकारी तरीके, जो दिमाग तेज करने में मदद करते हैं। दिमाग

हंसमुख व्यक्ति अवसाद, मानसिक तनाव,अनिद्रा व नकारात्मक सोच से बचा रह सकता है। दुनिया में सुख एवं दुःख दोनों ही धूप-छांव की भांति आते-जाते हैं।  यदि मनुष्य दोनों परिस्थितियों में हंसमुख रहे तो उसका मन सदैव काबू में रहता है व वह चिंता से बचा रह सकता है। आज के इस तनावपूर्ण वातावरण में व्यक्ति

इति पूर्व बशिष्ठेन पुलस्त्येन च धीमता। यचुक्त तत्स्मूति याति त्वत्प्रश्नादिखलं तम। सोऽहं वदाम्ययेष ते मैत्रेय परिपृच्छते। पुराणासहितां सम्यकता निबोध यथातथम्। विष्णोः सकाशादुद्भुत जगत्तत्रैव च स्थितम। स्थितिसंयकर्त्तासौ जगतौऽयं जगच्च सः। हे मैत्रेय! पूर्वकाल में बशिष्ठ जी और बुद्धिमान पुलस्त्य जी ने इस प्रकार जो कहा था, वह सब इस समय तुम्हारे प्रश्न करने से मुझे स्मरण

मनुष्य को औरों की अपेक्षा अधिक बुद्धि, विद्या, बल और विवेक मिला है, यह बात तो समझ में आती है, किंतु इन शक्तियों का संपूर्ण उपयोग बाह्य जीवन तक ही सीमित रखकर उसने बुद्धिमत्ता से काम नहीं लिया। अपने ज्ञान-विज्ञान को शारीरिक सुखोपयोग के निमित्त लगा कर उसने धोखा ही खाया है… मनुष्य को अपना

सारे प्राचीन मंदिर सिर्फ शिव के ही थे, क्योंकि उन लोगों ने मंदिर आध्यात्मिक प्रक्रिया के लिए बनाया, किसी के कल्याण या अपनी बेहतरी के लिए मंदिर नहीं बनाया गया था। अगर आप संपन्न होना चाहते हैं, तो जमीन को जोतिए, उसमें हल चलाइए, बीज डालिए और संपन्न हो जाइए। अगर आप खुद को मिटाना

बलि राजा के सौ यज्ञ पूरे करने के पश्चात, उनके पुरोहित शुक्राचार्य ने बलि राजा  को सारे विश्व का अधिपति बनाने के लिए विश्वजीत नामक यज्ञ कराने के लिए उसे यज्ञ की दीक्षा दी। बलि राजा ने भी यज्ञ की दीक्षा लेकर, उत्तम प्रकार से उन्होंने अपने यज्ञ के सारे कार्य करने के लिए,  अनेक

यह देखकर सूर्य ने गरुड़जी को बुलाया और जैसे ही गरुड़जी आकाश में उपस्थित हुए, तो सभी दानव उनके तेज से विस्मित हो गए। वे सब गरुड़जी को ही अपना निशाना बनाने लगे। किंतु गरुड़जी ने अपने तीखे पंखों से दानवों को घायल करना प्रारंभ कर दिया, लेकिन धीरे-धीरे वह भी कमजोर पड़ने लगे… इस

यह तकनीक का ही कमाल है कि कान की लोलकी  में एक सेंसर लगाकर भी पलक झपकते ग्लुकोज का स्तर पता किया जा सकता है। इसकी रीडिंग अल्ट्रासाउंड, विद्युत-चुंबकीय रीडिंग और थर्मल टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है। भारत के अन्य हिस्सों की तरह ही हिमाचल में भी कार्डियोवैस्कुलर रोगों में वृद्धि हो रही है। इस

हे श्रीराम आप तो महान कुल के वंशज हो, बुद्धिमान लोग इन सभी के साथ मोह पाश में नहीं पड़ते। अपने पिताश्री से उत्तराधिकार में प्राप्त अयोध्या की राजगद्दी को छोड़ते हुए कुमार्ग पर मत चलिए, ऐसा मार्ग जो कि कष्टदायक, पथरीला और कांटों से भरा हुआ है… अयोध्या कांड  सर्ग 48, श्लोक 2, 3,