विचार

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य आज उलट  चुका है। बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया गया था कि सामान्य नागरिक को बैंक द्वारा अधिक मात्रा में ऋण दिए जाएंगे, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो, लेकिन आज ठीक इसके उलट हो रहा है। आम आदमी पर

मौत के कदम भी मौसम के भयावह पोशाक की तरह, हिमाचल में कमोबेश हर साल दुखद एहसास दे जाते हैं और हम वार्षिक नुकसान के गणित में यह नहीं समझ पाते कि कहीं विकास के गलत पैमानों की यह सजा तो नहीं। लोक गीतों में जिक्र जब ‘पहाड़ पर बसने’ का होता है, तो कहीं

सौरभ धीमान नालागढ़, सोलन से हैं नालागढ़ में 1990 में मेहता परिवार ने रोपड़ रोड पर एक कालोनी की मंजूरी ली, जिसमें कुछ व्यावसायिक और शेष रिहायशी प्लाट थे। ग्रीनलैंड, अस्पताल, स्कूल और अन्य सुविधाओं के लिए कौन सी भूमि छोड़ी गई, किसी को पता नहीं। सभी प्लाट बिक गए, सभी की बाकायदा रजिस्ट्रियां हुई

संदीप कुमार, हमीरपुर बच्चों में ज्ञान की समझ विकसित करने, कक्षा-कक्ष प्रबंधन, प्रभावी छात्र-शिक्षक संवाद एवं निर्देशों की उत्तमताय सरंचित अध्यापन एवं सीखने पर जोर देने वाली गतिविधियों के दृष्टिकोण से इन कार्यविधियों का सर्वाधिक महत्त्व है। आईसीटी समर्थित शिक्षण और अधिगम के संदर्भ में सीखने की प्रक्रिया के परिणामों में स्पष्ट रूप से प्रत्येक

प्रधानमंत्री मोदी लगातार दो दिन लखनऊ के दौरे पर रहे। यह उनका एक माह में छठा दौरा था। आजकल प्रधानमंत्री बार-बार उप्र जाते हैं, शिलान्यास और उद्घाटन करते हैं, जनता को संबोधित भी करते हैं और यह सिलसिला जारी है। प्रधानमंत्री के लिए ऐसे प्रवास सामान्य नहीं हैं। वह उप्र का मिथ बदलना चाहते हैं,

रीमा कौंडल, जवाली आखिरकार आरक्षण की मांग ने एक बार फिर देश को आग की भट्ठी में झोंक दिया। मराठों की आरक्षण की मांग से पुणे भी बच नहीं पाया है। प्रदर्शनकारियों ने 6 बसों को आग के हवाले कर दिया है। आजाद भारत में आरक्षण की मांगें दिन प्रति दिन परवान चढ़ती जा रही

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा पिछले 3 शैक्षणिक सत्रों 2015-16, 2016-17 और 2017-18 के लिए प्रदेश के होनहार विद्यार्थियों जो कि सैनिक स्कूल में पढ़ रहे हैं, को स्कॉलरशिप ही नहीं दी गई है। यह बेहद दुखद एवं निंदनीय है कि इस सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले सैकड़ों मेधावी

क्रिकेट हो,कबड्डी हो, शूटिंग या फिर हॉकी…  किसी भी खेल का जिक्र  किया जाए तो उसमें पहाड़ की प्रतिभाएं किसी से कम नहीं हैं। प्रदेश के प्लेयर देश-दुनिया में हिमाचल का नाम रोशन कर रहे हैं।  प्रदेश में खेल ढांचे व होनहारों की उपलब्धियां  बता रहे हैं,  टेकचंद वर्मा और भावना शर्मा… हिमाचल प्रदेश के

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं वह एक ऐसी कमजोर विकेट पर खड़े हैं कि अगर वह इस तरह का आश्वासन दे भी देते हैं तो उन्हें तब तक गंभीरता से नहीं लिया जाएगा जब तक सेना प्रमुख उनके रुख का स्पष्ट समर्थन नहीं करते हैं। वर्तमान में इस तरह के कोई संकेत उभरते नहीं