विचार

(जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र) जवानों की सीमा पर लगातार शहादत से आहत होकर गुजरात के 84 वर्षीय जनार्दन भट्ट ने सेना को एक करोड़ रुपए अर्पण किए हैं। मेहनत की कमाई से अर्पित इस धन का सेना की सहूलियत के लिए उचित उपयोग होगा, इसमें संदेह नहीं है। इससे एक सवाल उठता है कि देश

(रमेश सर्राफ धमोरा) भारत में नारी को देवी के रूप में देखा गया है। भारत में स्त्रियों की दशा सदैव एक जैसी नहीं रही अपितु समय एवं काल के साथ उसमें परिवर्तन आते गए। किसी युग में नारी को सम्मान दिया गया, तो कहीं उसका अपमान, उत्पीड़न, अत्याचार किया गया। भारत में आज भी सामाजिक

किसी ब्रांड एंबेसेडर को ढूंढ रहे हिमाचल पर्यटन के लिए चिंता का सबसे बड़ा सवाल यह है कि सैलानी ठहराव यहां लगातार नगण्य हो रहा है। एक स्वतंत्र एजेंसी के सर्वेक्षण में सबसे नकारात्मक पहलू भी यही है कि औसतन घरेलू पर्यटक मात्र एक ही रात ठहरकर लौट जाता है, जबकि विदेशी सैलानी भी दो

एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कमाकर बॉक्स आफिस कलेक्शन की नई पटकथा लिखने वाली फिल्म बाहुबली का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। ड्रामा, सस्पेंस और एक्शन से फिल्म दर्शकों का दिल जीत रही। इस फिल्म ने बालीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लिए नई लकीर खींच दी है। जानते हैं फिल्म पर दर्शकों

हिमाचल फोरम पहले दस दिन में ही एक हजार करोड़ रुपए की कमाई करने वाली बाहुबली द कान्क्लूजन-2 को लेकर ऊना के युवाओं में खासा क्रेज है। वर्ष 2015 में आई द बाहुबली बिगनिंग को देखने के बाद देश का हर वर्ग इसके दूसरे भाग के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहा था।

डा. भरत झुनझुनवाला लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं वर्तमान में विशाल रकम जन कल्याणकारी योजनाओं पर व्यय की जा रही है, परंतु इनका लाभ आम आदमी तक कम ही पहुंच रहा है। इन योजनाओं में कार्यरत सरकारी कर्मियों को पोषित किया जा रहा है। जैसे राजीव गांधी ने कहा था कि दिल्ली से चले

पिंकी रमौल लेखिका, पांवटा साहिब से हैं पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर में विगत कुछ वर्षों से खराब कानून-व्यवस्था के कारण स्थानांतरित संभावित पर्यटकों को भी हिमाचल प्रदेश उपयुक्त रूप से आकर्षित करने में विफल रहा है। इस प्रकार हर संभावना के बावजूद  हम एक श्रेष्ठ विकल्प के रूप में अपनी पहचान पर्यटन क्षेत्र में बनाने में

विकास को रेखांकित करता हिमाचल दो नावों पर सवार है। एक वह जिस पर केंद्रीय मदद से घोषणाओं के मंच सजने को उतारू और दूसरी वह जिस पर मुख्यमंत्री का काफिला हर रोज और हर मोड़ को सौगात बांटने निकलता है। कमोबेश इसी डगर पर केंद्रीय  मंत्री नितिन गडकरी ने नेशनल हाई-वे पर राज्य को

कश्मीरी नेता शबनम लोन का कहना है कि पत्थरबाज भारत के साथ रहना ही नहीं चाहते। वे इनसाफ-नाइनसाफी की लड़ाई लड़ रहे हैं। आखिर कश्मीर के पत्थरबाज लड़के-लड़कियां किस देश के हैं? जहां उनका जन्म हुआ, पालन-पोषण हुआ और बड़े होकर अब वे रहते हैं, वह जमीन भारत की है। कश्मीर भारत का है। कश्मीर