वैचारिक लेख

सरहद के उस पार पाक सहित दुनिया के कई मुल्क भारत के खिलाफ आतंकियों की खुली हिमायत कर रहे हैं। इसके बावजूद यदि देश महफूज है तो इसके पीछे शहादत के गुमनाम ज्योति स्तम्भ देश के हजारों सैनिकों का बलिदान है। रणबांकुरों का इतिहास शिक्षा पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना चाहिए

कई बार क्षणिक लाभ के लिए हम ऐसे निर्णय ले लेते हैं जिनके परिणाम दूरगामी होते हैं और इसके कारण या तो बाद में निर्णय बदलना पड़ता है या ऐसे निर्णय के दुष्प्रभाव का सारी व्यवस्था पर असर पड़ता है।

कई जगह स्थिति इतनी नाजुक है कि कुलपति शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए उत्सुक नहीं हैं, बल्कि कर्मचारी नेताओं के दबाव में नियुक्तियां कर अपनी कुर्सी बचाने में जुटे हुए हैं।

मैं नीरा प्याजजीवी जीव हूं। दाल नहीं मिलती तो प्याज के साथ रोटी खा लेता हूं। सब्जी नहीं मिलती तो प्याज के साथ रोटी खा लेता हूं। मुझे माश की दाल के स्वाद का उतना पता नहीं, जितना प्याज के स्वाद का पता है।

संयुक्त राज्य अमरीका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने सितंबर 2023 में फेडरल फंड ब्याज दर को 5.25 से 5.50 की सीमा में रखा है। इससे पहले 11 बार से फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को लगातार बढ़ाया था, और आज की ब्याज दर पिछले 22 वर्षों की अधिकतम दर पर है। हालांकि यूरोपीय केंद्रीय बैंक ने भी अक्टूबर 2023 के लिए बीज ब्याज दर को पूर्ववत 4 प्रतिशत ही रखने का निर्णय किया है, लेकिन यह ब्याज दर पिछली 10 बार से लगातार बढ़ते हुए इस स्तर पर पहुंची थी। गौरतलब है कि अमरीका और यूरोप में इतनी ऊंची ब्याज दरें हाल ही के वर्षों में कभी देखी नहीं गई। इन बढ़ती

नशा एक अभिशाप है। एक ऐसी बुराई है जिसमें इनसान का बहुमूल्य जीवन समय से पहले ही समाप्त हो जाता है। यह सब ज्ञात होने के बावजूद हिमाचल प्रदेश में नशे का प्रचलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। नशे का सेवन युवा वर्ग के द्वारा सर्वाधिक मात्रा में किया जा रहा है। नशे के पदार्थों में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा, गुटखा, तंबाकू और धूम्रपान शामिल है। बीड़ी-सिगरेट, हुक्का व चिलम का भी प्रयोग हो रहा है। इन जहरीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक हानि तो पहुंचती ही है, साथ ही सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है। हिमाच

साधो! समस्त दुनिया के विश्वविद्यालयों में जिस तरह एंटायर पॉलीटिकल साइंस की डिग्री की पढ़ाई नहीं होती, उसी तरह हिन्दी या किसी अन्य भाषा के शब्दकोश में पनौती शब्द मौजूद नहीं। लेकिन विश्व गुरू में कुछ भी संभव है। जब हम मौके और ज़रूरत के हिसाब से नया देवता या देवी घड़ सकते हैं तो एंटायर पॉलीटिकल साइंस की डिग्री या पनौती जैसा शब्द क्यों नहीं घड़ सकते। पूरी दुनिया में केवल हमारे विश्व गुरू ही ऐसे हैं, जिन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से एंटायर पॉलीटिकल साइंस में एमए की डिग्री हासिल की है। हिन्दी फिल्म राजा बाबू में जिस तरह अभिनेता गोबिन्दा द्बारा अभिनीत पात्र अनपढ़ होने के बावजूद हर मौके पर नए गेटअप में नजऱ आता है, उसी तरह परिधान मंत्री हर रोज़ मौके के हिसाब से नए

ऐसे में गरीब एवं कमजोर वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए एक ओर सरकार के द्वारा डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं दूसरी ओर कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सीखने होंगे। इस बात पर भी ध्यान दिया जाना होगा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज के साथ उनके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और उनके लिए रोजागर के अधिक अवसरों के लिए भी अधिक प्रयास करने होंगे

एक उपन्यास ने विज्ञान और तर्क के कारण आई हुई शिथिलता को प्रश्नों के घेरे में लेकर कैसे बहुत बारीकी से आस्तिकता, सकारात्मक विचारों, सृजन और नैतिकता का एक बेहतर नमूना पेश किया, यह साहित्य का निर्माण वाला पहलू है जोकि बहुत समय से अनुपस्थित दिख रहा है। साहित्य में कल्पना और कलात्मकता तो दिखती है, लेकिन समाज निर्माण की परिकल्पना देखने को नहीं मिलती जिसकी आज बहुत आवश्यकता है...