वैचारिक लेख

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री (लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं ) भाजपा को साठ सदस्यीय विधान सभा में 21 और कांग्रेस को 28 सीटें प्राप्त हुईं। कांग्रेस के प्रति जन आक्रोश कितना ज्यादा था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस को इकतीस का जादुई आंकड़ा छूने के लिए केवल तीन विधायकों की जरूरत

( विजय शर्मा लेखक, टौणी देवी, हमीरपुर से हैं ) चार साल तक तो कांग्रेस सरकार को अपने घोषणा पत्र में किए बेरोजगारी भत्ते के वादे की याद नहीं आई, लेकिन अब किंतु-परंतु के साथ बेरोजगार युवाओं के लिए शर्तों के साथ बेरोजगारी भत्ता देने के लिए बजट में 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया

( डा. अश्विनी महाजन लेखक, दिल्ली विश्वविद्यालय के  पीजीडीएवी कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं ) अभी तक सरकारी खरीद में भी आयातित विदेशी वस्तुओं की भरमार रहती है। उसके कई कारण हैं। सरकार में प्रतिस्पर्धी निविदाओं के आधार पर खरीद होती है। ऐसे में सस्ते चीनी उत्पाद उपलब्ध होते हैं, वहां उन्हीं वस्तुओं की खरीद

( तिलक सिंह सूर्यवंशी लेखक, सिंहुता, चंबा से हैं ) लड़का भाग्य है तो लड़की विधाता और लड़का अंश है तो लड़की वंश है। जैसे गाड़ी चलाने के लिए दोनों पहियों की समान जरूरत होती है, उसी प्रकार वंश चलाने के लिए नर-नारी का होना बराबर ही जरूरी है। नारी को कानूनी संरक्षण देकर उनकी

पीके खुराना ( पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं ) ईवीएम मशीन को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। मायावाती, केजरीवाल और कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाए हैं। मायावती ने सबसे पहले बयान दिया कि उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भाजपा कैसे जीती,

( बचन सिंह घटवाल  लेखक, मस्सल, कांगड़ा से हैं ) पशुओं की उजाड़ और नुकसान करने की प्रवृत्ति का दंश झेलता किसान कृषि के दायरे को सीमित करने के लिए विवश हो गया है। खेतों में मेहनत के परिणामस्वरूप अगर कृषक को अंततः नुकसान ही झेलना पड़े, तो वह अगली बार उस खेत में क्यों

डा. भरत झुनझुनवाला ( लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं ) हमारे देश में अमरीका, चीन तथा अन्य देशों में बने सस्ते माल का भारी मात्रा में आयात हो रहा है। चीन के सस्ते माल के सामने हमारे तमाम कारखानों ने घुटने टेक दिए हैं। ऐसे में यदि हम भी आयात करों को बढ़ा देते

( कर्म सिंह ठाकुर लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं ) एक बजट के मार्फत प्रदेश की समूची आकांक्षाओं को संबोधित नहीं किया जा सकता, अतः हर कदम पर लीक से हटकर नएपन की अपेक्षा रहेगी। यह भी कि प्रदेश जिस तरह कर्ज के मर्ज से बेहाल है, वहां से प्रदेश सरकार को कई नकारात्मक आदतें

कुलदीप नैयर ( कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं ) माओवादियों को वैचारिक धरातल पर अपने लिए संघर्ष करना होगा। भाजपा को समझाना चाहिए कि उनके हिंदूवादी दर्शन, वामपंथियों के समतावादी दर्शन से ज्यादा समृद्धि कैसे ला सकता है। ठीक इसी तरह से वामपंथियों को भी स्पष्ट करना चाहिए कि उनके दर्शन से जनता किस