पीके खुराना

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार सरकार की ओर से एनआरसी यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ  सिटिजन्स का विस्तार करके इसे देश भर में लागू करने की योजना है, इसी तरह नागरिकता संशोधन विधेयक और एक सामान्य सिविल कोड भी लाया जाएगा, इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय में राम जन्म भूमि विवाद की सुनवाई पूरी हो चुकी है और

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार आज हम सचमुच प्रकाश से वंचित हैं और ऐसा हमने खुद जानबूझ कर किया है। हमारे भवन ऐसे बनने लगे हैं जहां सूर्य का सीधा प्रकाश नहीं आता, आता भी है तो उसे हम मोटे-मोटे परदे लगाकर बाहर रोक देते हैं और कृत्रिम प्रकाश में जीवन गुजारते हैं। घर से बाहर

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार मुझे ‘हाउ टु मेक फ्रेंड्स एंड इंफलुएंस पीपल’ का हिंदी अनुवाद ‘लोक व्यवहार’ पढ़ने को मिली। मेरे जीवन पर इस पुस्तक का गहरा प्रभाव रहा है और मेरी सफलता में इस पुस्तक की शिक्षा का भी योगदान रहा है। मेरे बड़े भाई राम कृष्ण खुराना ने मेरे पिता श्री के जीवन

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार जीवंत जीवन जीने के लिए आवश्यक है कि हम खुद से ज्यादा प्यार करना सीखें। खुद से प्यार करने का मतलब है कि हम अपनी सेहत पर फोकस करें, सच्चे रिश्ते बनाएं और अपना ज्ञान बढ़ाते रहें। सेहत पर फोकस में फिर तीन और नुक्ते हैं, इनमें से पहला है

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार   सन1945 में विश्व भर में कुल 12 देशों में लोकतंत्र था। बीसवीं सदी की समाप्ति के समय यह संख्या बढ़कर 87 तक जा पहुंची लेकिन उसके बाद लोकतंत्र का प्रसार रुक गया। कुछ देशों में दक्षिणपंथी विचारधारा ने कब्जा कर लिया है या पोलैंड, हंगरी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, ब्राजील,

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार मैं जब सवेरे सैर के लिए निकलता हूं तो सैर करते हुए युवाओं को देखकर मन खुशी से भर जाता है लेकिन उनमें से बहुत से ऐसे हैं जो लंबे समय से सैर कर रहे हैं पर स्वस्थ नहीं हैं। खुद मैं भी अज्ञानता का शिकार रहा और अब कुछ-कुछ

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार मंत्रियों का मुखिया ‘प्रधानमंत्री’ होता है जो पुराने जमाने में राजाओं का प्रमुख सलाहकार होता था, पर प्रधानमंत्री की भूमिका निर्णय करने की नहीं बल्कि निर्णय में सहायता के लिए सलाहकार की होती थी। लेकिन हाल के दिनों में प्रधानमंत्री अब ज्यादा शक्तिशाली हो गया है… हर शब्द कुछ संदेश

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार   हमारा अवचेतन मस्तिष्क जो हमारे मस्तिष्क का लगभग 90 प्रतिशत है। दूसरा हिस्सा है चेतन मस्तिष्क जो हमारे मस्तिष्क का केवल 10 प्रतिशत भाग है। हमारा अवचेतन मस्तिष्क खिलंदड़ा और मनोरंजन प्रिय है जबकि चेतन मस्तिष्क तर्कशील है और वह घटनाओं अथवा स्थितियों को तर्क की कसौटी पर कसता

पीके खुराना वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार अमीरी एक बुनियादी मानवाधिकार है, पर कोई आपको इसे तश्तरी में पेश नहीं करेगा। इसके लिए स्वयं आपको ही प्रयत्न करना होगा और जोखिम भी उठाना पड़ेगा। अमीरी का अधिकार मांगने से नहीं मिलता, इसे कमाना पड़ता है। भारतीय आम आदमी के अमीर बनने में दो बड़ी अड़चनें हैं। पहली