ब्लॉग

हम उम्मीद करें कि हाल ही में डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में जिस तरह भारत ने खाद्य सुरक्षा व एमएसपी का मुद्दा प्रभावी तरीके से उठाया है, उससे दुनिया के अन्य देशों का समर्थन बढ़ेगा और इसका स्थायी समाधान होगा। साथ ही हाल ही में लांच की गई बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना से लाभ मिलेगा...

तब उन्होंने ‘ममता बनर्जी’ वाला सूत्र अपनाया। शाहजहां को सीबीआई को नहीं दिया। जो करना हो, कर लो। सारा बंगाल देख रहा है। आखिर ममता बनर्जी शाहजहां को इस सीमा तक जाकर भी क्यों बचाना चाहती हैं? यह प्रश्न शेषनाग की तरह फन तान कर उसके सामने खड़ा है। ममता बनर्जी को किस बात का डर है? दूसरे दिन हाई कोर्ट फिर आदेश देता है। शाहजहां को बंगाल पुलिस की सुरक्षा से निकाल कर सीबीआई को सौंप दिया जाए। लगता है हाईब्रिड तक ममता सरकार के शाहजहां को बचाने के सारे हथियार खत्म हो गए हैं। आखिर शाहजहां सीबीआई की कस्टडी में पहुंच गया है। सुना है इसको लेकर ममता बहुत बड़ी रैली करने जा रही हैं

स्पिरिचुअल हीलिंग कोई जादू-टोना नहीं है, कोई अंधविश्वास नहीं है, बल्कि एक प्रभावी टूल है जो हमारे दिल, दिमाग और आत्मा से कूड़ा चुनकर उसे निर्मल बना देती है। स्पिरिचुअल हीलिंग की सबसे बड़ी खूबी यह है कि स्पिरिचुअल हीलर को आपकी उंगली भी छूने की आवश्यकता नहीं है और यह ऑनलाइन भी हो सकती है। मैं मीडिया घरानों का शुक्रगुजार हूं कि उनकी सीख के कारण परमात्मा ने मुझ पर कृपा की और स्पिरिचुअल हीलर बनकर समाज सेवा करने के काबिल हो सका। जीवन की यह समझ मुझे ‘दिव्य हिमाचल’ स

आज के विश्वविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयीय शिक्षा की अनेक समस्याएं हैं जिन पर शासन तथा शिक्षाविदों का ध्यान केंद्रित है। माध्यमिक स्तर पर शिक्षा के प्रसार के कारण विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है और प्रश्न यह है कि क्या विश्वविद्यालय उन सभी विद्यार्थियों को स्थान दें, जो आगे पढऩा चाहते हैं, अथवा केवल उन्हीं को चुनकर लें जो उच्च शिक्षा से लाभ उठाने में समर्थ हों? शिक्षा का माध्यम क्या हो, यह भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। शोध कार्य को प्रश्रय न देने की समस्या

हम उम्मीद करें कि भारत की नई पीढ़ी अपने डिजिटल कौशल और अपनी प्रतिभा से रोजगार और स्वरोजगार के मौकों को अपनी मुठ्ठियों में लेते हुए आगामी तीन-चार वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का विकसित देश बनाने में अहम भूमिका निभाते हुए दिखाई देगी...

आखिर क्या कारण हैं कि एक ही पद तथा एक ही वेतनमान पर कार्यरत एक ईमानदार व एक भ्रष्ट कर्मी का जीवन स्तर न केवल अलग-अलग होता है, बल्कि एक कम वेतनमान वाले कर्मी का आलीशान बंगला व अन्य सुख-सुविधाएं दूसरे से कहीं अधिक होती हंै...

सुक्खू की कांग्रेस सरकार पहले दिन से ही स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों को हाशिए पर धकेलने के काम में लगी हुई थी। वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना कर सोनिया गांधी की संतान ने संतुलन साधने की कोशिश तो जरूर की, लेकिन सुक्खू उस संतुलन को धरातल पर नहीं उतार पाए। यह भी कहा जा रहा है कि सुक्खू विरोधी खेमे में चौदह विधायक हैं, लेकिन रणनीति के तहत अभी छह विधायकों को ही सार्वजनिक रूप से राज्यसभा चुनाव के अवसर पर

200 मीटर की दौड़ में राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर की धाविका प्रोमिला ने अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक्स बंगलूरु 2006 में 100 मीटर में चौथा तथा 200 मीटर की दौड़ को 24.93 सैकेंड में दौड़ कर रजत पदक जीता था...

सहज संन्यास घर छोडऩे, परिवार छोडऩे, दुनिया छोडऩे, कपड़े रंगवाने, सिर मुंडाने या बाल बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। हम जैसे हैं, वैसे ही रहें। हम जो काम कर रहे हैं, वो पूरी तन्मयता से, पूरी ईमानदारी से, पूरी लगन से, पूरी मेहनत से, पूरी निष्ठा से, पूरी काबलियत से करें। जो करें वह ऐसा हो जो सबके भले के लिए हो, तो हम संन्यासी हैं। जब हम लालच छोड़ दें, क्रोध छोड़ दें, ईष्र्या छोड़ दें, ऊंच-नीच का विचार