प्रताप सिंह पटियाल

बहरहाल आज़ाद भारत को सबसे बड़ी सौगात ‘भाखड़ा बांध’ देने वाला बिलासपुर फिर से गुलजार हो चुका है, मगर विस्थापन से उपजे गहरे जख्मों का दर्द बाकी है। देशहित में त्याग की नजीर पेश करने वाले लोगों की कद्र का मिजाज पैदा होना चाहिए। पुनर्वास के लिए ठोस नीति बननी चाहिए… कहलूर रियासत यानी वर्तमान

कारगिल साजिश का पर्दाफाश करके शहादत देने वाले कै. सौरभ कालिया व उनके साथियों की हत्या के इंतकाम का अज्म बरकरार है। उन शूरवीरों को न्याय का विकल्प सैन्य कार्रवाई से उसी अंदाज में होना चाहिए। कारगिल विजय दिवस पर देश अपने जांबाजों को शत्-शत् नमन करता है… इतिहास साक्षी रहा है कि शूरवीरता के

हिमाचल के लाखों युवा रोजगार की तलाश में राज्य से पलायन कर रहे हैं। प्रदेश में प्रवासियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में अवैध शराब की तिजारत, मर्डर, डकैती व बलात्कार जैसी वारदातों से क्राइम रेट का ग्राफ बढ़ रहा है। महानगरों में फैलने वाली नशे की महामारी देवभूमि के गांवों

चीन ने सन् 1962 में भारत पर हमला करके अपना असली चरित्र दिखा दिया था। देश की सरहदों पर चीन व पाक जैसे देशों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना के तीनों अंगों का युवा जोश व तकनीकशुदा अचूक मारक क्षमता वाले हथियारों से लैस होना जरूरी है… ‘जीत के बाद तिरंगा लहराकर

देश में आयुर्वेद के कई संस्थान हैं जहां कई विदेशी लोग अपना इलाज करवाते हैं। बहरहाल अनादिकाल से दुनिया को मेडिटेशन से लेकर मेडिसिन तक का अद्भुत ज्ञान देने वाले ऋषियों के देश भारत में मेडिकल के छात्रों को ‘महर्षि चरक शपथ’ लेना गर्व का विषय होना चाहिए… भारत में सन् 1991 से प्रतिवर्ष एक

विश्वभर के वैज्ञानिक हमारे आचार्यों द्वारा रचित ग्रंथों का अध्ययन करके शोध करते आए हैं। मौजूदा दौर में शारीरिक व मानसिक समस्याओं का कारण भौतिक सुख-सुविधाएं व आधुनिक जीवनशैली है। अतः सकारात्मक ऊर्जा का संचार तथा फिटनेस का माध्यम केवल योग है… सृष्टि की शुरुआत से ही सांस्कृतिक धरातल व कई सभ्यताओं की जन्मस्थली रहे

प्रकृति व पर्यावरण की पैरवी करने वाले हिमालय के आंचल में बसे हिमाचल के वनों पर गर्मी के मौसम में सबसे बड़ी गर्दिश आगजनी है। चूंकि चीड़ व आग का चोली-दामन का साथ रहा है। पर्यावरण संरक्षण में वनों के साथ जंगली जानवर भी अहम किरदार निभाते हैं। चीड़ के पेड़ों को रुखसत करें… प्रकृति

यदि सरकार भारत की प्राचीन खेल विरासत कुश्ती को राष्ट्रीय खेल घोषित करे तो वैश्विक स्तर पर भारतीय कुश्ती की लोकप्रियता व सम्मान यकीनन बढे़गा। युवा पहलवानों का कुश्ती के प्रति उत्साह बढ़ने से कुश्ती की पदक तालिका में भी इजाफा होगा… पारंपरिक कुश्ती लड़ने वाले पहलवानों व कुश्ती के शौकीन लाखों दर्शकों के लिए

सुविधा सम्पन्न लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए खुद को पिछड़ा साबित करना व गरीब बनने की जहनियत से बाहर निकालना होगा। मुल्क के सियासी रहवरों को समझना होगा कि देश की युवा ताकत को लोक लुभावन सियासी वादे, प्रलोभन व मुफ्तखोरी की खैरात नहीं चाहिए… ‘यावज्जीवेत सुखं जीवेत, ऋणं कृत्वा घृतम्

पुस्तक दिवस पर ‘यूनेस्को’ को समझना होगा कि दुनिया का सर्वप्रथम ग्रंथ ‘ऋग्वेद’ है। विश्व में सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत व श्रीमद्भगवद गीता से बड़ी कोई पुस्तक नहीं हुई तथा महर्षि वाल्मीकि, वेद व्यास, पाणिनी, अथर्वा ऋषि, महात्मा विदुर, आचार्य चाणक्य, गोस्वामी तुलसीदास व कालीदास से बड़ा कोई लेखक नहीं हुआ… यूनेस्को ने