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यही कारण था कि जब मई 2019 में भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 ही समाप्त कर दिया तो सबसे ज्यादा मिठाई वहां के वाल्मीकि समाज ने ही बांटी। लेकिन उनकी यह खुशी ज्यादा देर नहीं टिक सकी। सैयदों ने इस पर चीख-पुकार मचा दी। शेख चिल्लाने लगे। मुफ्ती हकलाने लग पड़े। उन्होंने

वर्षों के अंतराल के बाद राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला द्वारा आयोजित हिमाचल प्रदेश अंतर महाविद्यालय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में राजकीय महाविद्यालय मंडी की धाविका कुसुम ठाकुर ने सौ मीटर की फर्राटा दौड़ को 11.58 सेकेंडों के नए कीर्तिमान के साथ दौड़ कर राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की रिचा द्वारा बनाए गए विश्वविद्यालय के ही नहीं, बीस वर्ष पहले बने पुष्पा ठाकुर के राज्य कीर्तिमान को भी तोड़ दिया है। कुशम 12 सेकेंडों से नीचे 100 मीटर को दौडऩे वाली तीसरी महिला बन गई है। हमीरपुर की प्रिय ठाकुर भी पिछले वर्ष राज्य प्रतियोगिता में 11.98 सेकें

संजय इस उत्तर की गहराई को समझ गए। वे जीवन के दर्शन की इस नई व्याख्या को गहराई से समझ रहे थे। विचारों का झंझावत अब भी चल रहा था, नए विचार मन में आ-जा रहे थे, लेकिन दिमाग साफ था, दिमाग के जाले उतर चुके थे। यह स्पष्ट था कि जीवन को सफल बनाने के लिए हमारी दिशा क्या होनी चाहिए और हमारे प्रयत्न कैसे होने चाहिएं। विचारों से उबर कर संजय ने सिर उठाया ताकि वे उस दिव्य पुरुष को धन्यवाद दे सकें, लेकिन वहां कुछ नहीं था, बवंडर भी नहीं था, प्रकृति की शांति थी और सुहानी बयार थी। जीवन का सार उन्हें समझ आ गया था...

दुनिया में वायु प्रदूषण की समस्या कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि हवा में घुला यह जहर हर साल 70 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले रहा है। धान की कटाई में मशीन का उपयोग भी खेतों में पराली छोड़ देता है। धान निकालने के बाद पराली दोबारा से हटाना किसान के लिए किसी भी दृष्टि से लाभकारी नहीं। क्यों न ऐसी कंबाइन हार्वेस्टर मशीनें विकसित की जाएं जो धान निकालते वक्त पराली भी खेत से हटा लें तो पराली किसानों के लिए अतिरिक्त आय का साधन हो सकता है। पराली को खेत से धान निकालते वक्त न हटा पाना ही इ

उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी मूडीज की ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मजबूत वस्तु एवं सेवा कर संग्रह, बढ़ती ऑटो बिक्री, बढ़ती उपभोक्ता आशावादिता और दोहरे अंक की ऋण वृद्धि उपभोग मांग की परिचायक है। इतना ही नहीं, मूडीज ने यह भी कहा कि बांग्ला

शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षा तंत्र को समय-समय पर कड़े निर्णय लेने पड़ते हैं। जिस प्रकार लम्बे समय से ठहरा हुआ पानी अपनी स्वच्छता तथा गुणवत्ता को खोकर प्रदूषित हो जाता है...

चुनाव परिणाम आने के बाद ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, लालू यादव, स्टालिन, अखिलेश यादव इत्यादि सभी ने इस बैठक में आने से इंकार कर दिया तो कांग्रेस को अपनी इंडी की यह बैठक ही स्थगित करनी पड़ी...

क्या सरकार अन्य विभागों में नौकरी लगे पूर्व खिलाडिय़ों व प्रशिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर लाकर या उन्हीं के विभाग में उन्हें खेल प्रबंधन व प्रशिक्षण देने का अधिकार देकर हिमाचल प्रदेश की करोड़ों रुपए से बनी इन खेल सुविधाओं का सदुपयोग कर राज्य में खेलों को गति नहीं दे सकती है? अभी भी समय है कि सरकार इन खेल मैदानों का रखरखाव ठीक ढंग से करवाए...

ऐसे में बढ़ती आबादी का बड़ा हिस्सा बेरोजगार, अर्धशिक्षित अथवा अशिक्षित तथा साधनहीन होगा। इस स्थिति को न बदला गया तो बढ़ती आबादी सचमुच अभिशाप बन जाएगी। स्थिति को बदलने के लिए सबसे पहले कस्बों और गांवों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के तेज विकास के लिए काम करना होगा, उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी होंगी तथा उन्हें रोजगारपरक उद्यमिता की शिक्षा देनी होगी। कंज्यूमर गुड्स कंपनियों को आज ग्रामीण