प्रो. एनके सिंह

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार चौथा क्षेत्र मूलभूत ढांचे के विकास से संबंधित है। सड़कों, पोर्ट्स व हवाई अड्डों के निर्माण के साथ-साथ भारत को अनुसंधान के लिए शैक्षिक प्रयोगशालाओं व पुस्तकालयों के निर्माण पर जोर देना चाहिए। ग्रामीण विकास को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, गांवों में कृषि व विपणन केंद्रों को विकसित किया जाना

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार सीजनल श्रमिक भारतीय कृषि की रीढ़ हैं क्योंकि उनके बिना कृषि कार्य नहीं चल सकता। मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह समस्या इतनी विकराल हो जाएगी। अब मीडिया इसे एक सौ मिलियन मजदूरों से भी अधिक की समस्या बता रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण अनुमान लगा रहे हैं कि

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार इन मजदूरों को कई तरह के अभावों और परेशानियों का सामना करना पड़ा, मानो विभाजन के दिन दोबारा आ गए हों। अब मजदूर अपने घरों में हैं, फिर भी वे घर-विहीन हैं। मैं यह नहीं जानता और हम में से कितने यह जानते हैं कि देश के लोगों की

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार सरकारों के लिए शराब राजस्व का एक बड़ा माध्यम है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि अगर शराब बिक्री पर पाबंदी जारी रहती है तो इसकी भरपाई केंद्र को करनी चाहिए। यह बात अजीब है कि सभी राज्यों ने लॉकडाउन के हिस्से के रूप में शराब की

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि ऐसी स्थिति में जबकि नरेंद्र मोदी जैसे नेता देश का नेतृत्व कर रहे हैं, ऐसी स्थिति में हिंदू संतों की हत्या एक पहेली क्यों बनी हुई है। इस मामले में षड्यंत्र का खुलासा क्यों नहीं हो पा रहा है। वह इस

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार यह आर्थिक और पारिस्थितिकीय लॉकआउट होगा। हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर घरों को लौट रहे हैं और उद्योग वाले उनके पीछे भाग रहे हैं क्योंकि श्रम के बिना कुछ भी संचालित नहीं हो सकता है। सवाल यह भी है कि गंगा को इतना साफ-सुथरा और प्राचीन समय की

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार महाराष्ट्र में कांग्रेस, सरकार में भागीदारी कर रही है, इसी कारण अर्नब तथा कुछ अन्य सोशल कमेंटेटर इस पार्टी को इस हत्याकांड में जिम्मेवारी लेने के लिए जोर दे रहे हैं। लिंचिंग के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले अर्नब और उनकी पत्नी पर हमले से स्थिति और भी खराब हो

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार के. चंद्रशेखर राव की जीत एक पिता के पद के लिए उत्तराधिकार नहीं था, बल्कि उन्होंने अपनी योग्यता पर चुनाव लड़ा और जीता। लोकतंत्र तब होता है जब लोग नेताओं को चुनते हैं, लेकिन तब नहीं जब उनके माता-पिता बिना चुनाव के जनता पर नेता थोप देते हैं अथवा

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार ग्राम पंचायतें सक्रिय थीं और भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हो रही थी जहां एक महिला पंचायत प्रधान ने पहल की और पूरे गांव को साफ  कर दिया और सरकार के अधिकारी भी उसके साथ जुड़ गए। उस क्षेत्र में कोरोना का कोई मामला नहीं है। मैंने सोचा कि इसे