भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं राज्य में खेलों को ऊपर उठाना है, तो आज निजी शिक्षण संस्थानों को इसमें भागीदारी निभाने के लिए प्रेरित करना होगा। यदि एक-एक विद्यालय सुविधा के अनुसार किसी एक खेल को भी गोद लेता है, तो राज्य में सैकड़ों निजी विद्यालय खेलों के स्तर को ऊपर ले जाने

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं जहां खेल छात्रावास व अंतरराष्ट्रीय प्ले फील्ड है, वहां पर भी उस खेल के माकूल प्रशिक्षक चाहिए। इस तरह एक खेल के लिए 20 प्रशिक्षक भी रखें और चुनिंदा 10 खेल भी हों तो दो सौ प्रशिक्षक इस राज्य को चाहिए ही। मगर प्रदेश में प्रशिक्षकों की नफरी

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं राज्य के इन राजनीतिक दलों के घोषणा पत्रों में इस बार क्या खेलों का जिक्र होगा?  हिमाचल प्रदेश के पास जो इस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधा है, उसके उपयोग के लिए वहां खेल छात्रावास बनाकर क्या प्रदेश के चुनिंदा खिलाडि़यों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण का प्रबंध

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं सभी कक्षाओं के लिए ड्रिल का एक-एक पीरियड रखना पड़ेगा और कक्षा के सभी विद्यार्थियों को अपनी-अपनी शारीरिक क्रियाओं के लिए जहां माकूल जगह चाहिए, वहीं उपकरण तथा विभिन्न खेलों में भागीदारी पर वह खेल सामान भी चाहिए। इस सबके लिए ज्यादा धन की आवश्यकता स्कूली स्तर पर

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं सरकारी नौकरी में लगे खिलाडि़यों को प्रशिक्षण के लिए पूरा समय देना होगा। खिलाड़ी को अभ्यास के लिए समय नहीं मिलेगा, तो उसकी प्रतिभा दम तोड़ती जाएगी। यह सरकार का भी दायित्व बनता है कि वह खिलाडि़यों के लिए सुविधाओं की व्यवस्था करे, ताकि खिलाड़ी दूसरे राज्यों की

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं हर वर्ष आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिताएं निचले स्तर पर खेल प्रतिभा खोज का उचित माध्यम हैं। 12 वर्ष बाद ही सही हिमाचल ओलंपिक खेल मेला राज्य में खेलों को एक नई दिशा जरूर देगा। ओलंपिक मशाल के माध्यम से राज्य में उभरते खिलाडि़यों को एक उचित संदेश

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं हिमाचल में आज हर गांव के लिए सड़क तो है, वहां पर दौड़ के अभ्यास का प्रारंभ हो ही सकता है। हिमाचल का युवा अधिकतर सेना व सुरक्षा बलों में अपना भविष्य तलाश रहा है, वहां पर भर्ती होने के लिए भी दौड़ की जरूरत पड़ती है, इसलिए

भूपिंदर सिंह भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं अच्छा प्रशिक्षक, उत्तम खेल सुविधा तथा अच्छा सहायता वाला खेल वातावरण मिलता है तो खेलों में उत्कृष्ट परिणाम जरूर आते हैं।  खिलाडि़यों को अगर प्रोत्साहन और सरकारी प्रश्रय मिले, तो इससे ज्यादा बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं… उत्कृष्ट प्रतिभा किसके घर जन्म ले, यह विधाता

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं देखते हैं हिमाचल हैंडबाल को प्रशासन तथा प्रशिक्षण की यह जोड़ी कितनी ऊंचाई तक ले जाती है, जहां इस वर्फ के प्रदेश की संतानें अधिक से अधिक बार तिरंगे को ऊपर उठाने में अपना योगदान देती हैं। खिलाड़ी तो प्रतिभा ही दिखा सकते हैं, पर बाकी इंतजाम तो