आस्था

इन थोड़ी सी पंक्तियों में यह विस्तारपूर्वक नहीं बताया जा सकता कि मन की मलीनता को हटा देने पर हम पतन और संताप से कितने बचे

इसी अनादिकाल से चली आ रही वैदिक पंरपरा में श्रीकृष्ण महाराज द्वापर युग में   श्लोक 9/32 में ज्ञान दे रहे हैं कि हे अर्जुन!

संसार की भाषा है कलह, दिल की भाषा है प्रेम और आत्मा की भाषा है मौन। अब किस भाषा में बात करें। दिल की जो भाषा है उसमें शब्द कोई

हम जानते हैं कि जुनून क्या है इसलिए ये जानना मुश्किल नहीं है कि करुणा क्या होती है। जुनून का मतलब है एक जैविक बुखार की

भयानक ठंड की वजह से  हड्डियां तक ठिठुर जाती थीं। स्वामी जी के कमजोर स्वास्थ्य के लिए यह असह्य था। अंत में 24 जनवरी सन्

विद्वानों का कथन है कि हमारे मन अलग-अलग हैं लेकिन हम सभी की आत्मा एक है। मानो मनुष्य की परमस्थिति तो एक ही है परंतु

*  एक गिलास पानी में थोड़ी सी गिलोय और 5-6 तुलसी के पत्ते डालकर उबाल लें और काढ़ा बनाकर पिएं। बुखार में रामबाण इलाज है। * बेसन में थोड़ी सी मलाई और दो चम्मच नींबू का रस डालकर अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण को आधा घंटा चेहरे पर लगाएं और फिर धो लें। इससे

विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। यह पर्व हिंदू धर्म के मानने वालों का मुख्य पर्व है। विनायक चतुर्थी को गणेशोत्सव के रूप में सारे विश्व में हर्षोल्लास व श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। भारत में इसकी धूम यूं तो सभी प्रदेशों में होती है, परंतु विशेष रूप से यह महाराष्ट्र

सरकाघाट क्षेत्र बहुत सी छोटी- छोटी पहाडि़यों से घिरा एक मध्य हिमालयी क्षेत्र है। इसमें कमलाह धार, लिंडी धार, सिकंद्री धार आदि पहाडि़यां हैं, नदी नालों में सोन खड्ड, सीर खड्ड, जबोठी खड्ड प्रसिद्ध है। सरकाघाट दो शब्दों ‘सर’ अथवा सरोवर या तालाब और ‘घाट’ अथवा श्मशान के मेल से बना है। कहते हैं इस