वैचारिक लेख

अशोक गौतम साहित्यकार तमाम अल्पमत वाले हुनरबाजों ने एक बार फिर नेक इरादे से देश की जनता को स्थायी सरकार देने की मन ही मन शपथ खाई और अपनी-अपनी कुर्सी बनाने सजाने के लिए जो भी उन्हें जरूरी लगाए, प्रलोभन की जादुई पोटली में डाल अपनी अपनी जुगाड़ की स्थायी सरकार बनाने सत्ता की यात्रा

भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक उद्योगों और नगरपालिकाओं से गंदा पानी गंगा में अभी भी छोड़ा ही जा रहा है। यद्यपि मात्रा में कुछ कमी आई हो सकती है। देश की नदियों को स्थायी रूप से साफ करने के लिए हमें दूसरी रणनीति अपनानी पड़ेगी। पर्यावरण मंत्रालय ने कुछ वर्ष पहले आईआईटी के समूह को गंगा

अनुज कुमार आचार्य लेखक, बैजनाथ से हैं भारत में फुलप्रूफ बैंकिंग तंत्र के न होने के चलते बैंक घोटालों का पुराना इतिहास रहा है। भारतवर्ष में पिछले कुछ वर्षों से लगातार पकड़ में आ रहे बैंक घोटालों की वजह से आम नागरिकों का बैंकिंग सेक्टर के प्रति भरोसा डगमगाया हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक के

बसंत हेतमसरिया स्वतंत्र लेखक वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा जनहित (?) की दुहाई देकर कई कड़े फैसले लिए गए हैं। जब कभी सरकार यह कहती है कि कड़े निर्णय लेने होंगे तो इसका अर्थ यही समझा जाता है कि किसी क्षेत्र विशेष में समस्या बड़ी गंभीर हो गई है और सरकार मानती है कि सामान्य तरीके

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं कई बार मेरे दिल में साहिर लुधियानवी की तरह ख्याल तो आता है, लेकिन तुम्हें लेकर नहीं। नाखून को लेकर। सोचता हूं कि नाखून बनाए ही गलत गए हैं। आदमी चाहे मेरी तरह गंजा हो, सदी के महानायक की तरह विग पहनता हो या उसके सिर पर कोरियन घास

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार हरियाणा में यदि भाजपा के चार-पांच मंत्री जीत जाते तो शायद चैनलों पर बहस करने वालों को घंटों निरर्थक मीमांसाएं करने का अवसर न मिलता, लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा के इन चुनावों की गहमा-गहमी में मीडिया ने चौबीस अक्तूबर को ही जम्मू- कश्मीर में हुए बीडीसी ‘ब्लाक डिवेलपमेंट कौंसिल’

कुलभूषण उपमन्यु स्वतंत्र लेखक यहां तीन तरह के उद्यमों की संभावनाएं हैं। संसाधन आधारित, कौशल आधारित, और मांग आधारित। हिमाचल प्रदेश पारिस्थितिकीय और पर्यावरण की दृष्टि से हिमालय जैसे संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जिसमें औद्योगिक या अन्य निर्माण गतिविधियों को बहुत ही सावधानीपूर्वक आयोजित करने की जरूरत रहती है। हिमालय देश के लिए शुद्ध

कर्नल मनीष धीमान स्वतंत्र लेखक पिछले एक सप्ताह से कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव, उत्तर भारत में पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण, पाकिस्तान के साथ करतारपुर कोरिडोर पर बात, भारतीय क्रिकेट को मिले नए अध्यक्ष आदि मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ दिवाली की तैयारी बड़े जोर-शोर से चल रही है। घर-आंगन की सफाई कर

प्रताप सिंह पटियाल लेखक, बिलासपुर से हैं आधुनिक हथियारों से लैस हरदम जोश व जज्बे से लबरेज होकर देश की सरहदों पर चौबीसों घंटे मुस्तैद भारतीय सेना का सबसे आक्रमक दस्ता जिसके विशेष तरीके से तीव्र प्रशिक्षित जवानों को दुश्मन देश की सरजमीं में घुसकर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसे घातक व जोखिम भरे आपरेशन को अंजाम