वैचारिक लेख

अंग्रेजी भाषा की हुकूमत से यदि भारतीय भाषाएं बहरों की अंजुमन में दर्द की गजल पेश करके अपने वजूद पर अश्क बहा रही हैं तो मैकाले का तस्सवुर यही था। अत: अपनी शिक्षा-संस्कृति का वजूद बचाने के लिए भारतीय भाषाओं को प्राथमिकता अवश्य देनी होगी...

एक उड़ता हुआ पोस्टर बुद्धिजीवी के करीब आया और उसके साथ ही चलने लग पड़ा। पोस्टर पहले भी बुद्धिजीवी के आसपास से गुजरे हैं, लेकिन इस बार यह अति गतिशील था। बुद्धिजीवी आज तक वहीं का वहीं है, लेकिन तरह-तरह के पोस्टर उससे कहीं आगे निकल गए। पोस्टर की अपनी देह भाषा रही है, जिसे बुद्धिजीवी समझकर भी नहीं समझ सका। बुद्धिजीवी ने तय किया कि इस बार वह दौड़ते पोस्टर को पकड़ कर पूछ ही लेगा कि तेरी रजा क्या है। बुद्धिजीवी न देश की गति और न ही पोस्टर की प्रगति समझ पाया। वह बड़े ही आदर से पोस्टर से विनती करने लगा, ‘एक पल के लिए रुक जाओ। हम आपके सेवक-आपके प्रशंसक हैं। हमारी सारी औकात लिए यूं मत भागो। हमारे पास जीने के सारे सबूत और देश का विश्वासपात्र होने का सारा जज्बा लिए यूं मत भागो।’ पहली बार पोस्टर के कान खुले उसे बुद्धिजीवी की फरियाद से लगा कि उसका भी अपना साम्राज्य है। दरअसल

भारत में ही चीन का मुकाबला करने की काबीलियत है। इसके अलावा अमरीका और भारत के व्यापारिक रिश्ते लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में घरेलू मामलों में अमरीका या किसी दूसरे पश्चिमी देशों की किसी तरह की टीका-टिप्पणी को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा...

कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर व शिमला, चारों लोकसभा क्षेत्रों में 1 जून 2024 को चुनाव होंगे। शायद यह तिथि हिमाचल में दूरगामी क्षेत्रों के मौसम को ध्यान में रखकर तय की गई है। बहरहाल, मंडी संसदीय सीट पर प्रतिभा सिंह के चुनाव लडऩे की ताजा घोषणा के कारण अब यहां कांटे की टक्कर होगी...

जांच होनी ही चाहिए महाराज। मेरा पड़ोसी नई आलीशान कार खरीद कर ले आया है। उसकी तनख्वाह तो मेरी तनख्वाह से भी आधी है। मैं तो सेकंड हैंड गाड़ी भी नहीं खरीद पा रहा हूं, जबकि वह इतनी महंगी कार खरीद लाया है। उसके पास इतने पैसे कहां से आए, इसकी जांच तो होनी ही चाहिए। जांच एजेंसियों को उसे पूछताछ के लिए तलब किया जाना चाहिए। इससे जांच एजेंसी को भी काम मिल जाएगा और यह भी पता चल जाएगा कि पड़ोसी की आमदनी के सोर्स तनख्वाह के अलावा और क्या-क्या हैं। सबसे बड़ी बात यह होगी कि मेरे कलेजे को ठंड पड़ जाएगी। अभी उसकी चमचमाती कार उसके घर के आगे खड़ी देखकर मेरे कलेजे में जलन हो रही है। मैं तो वैसे भी जांच का जन्मजात हिमायती रहा हूं। जब देश में किसी न किसी की जांच चलती रहेगी

जब तक अन्ना हजारे या दूसरे लोग कुछ समझ पाते, तब तक खेला हो चुका था। आम आदमी पार्टी बन गई थी। उसने लोकसभा के चुनावों में प्राय: हर सीट पर अपना प्रत्याशी खड़ा कर दिया था। खुद वाराणसी में नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हो गए और उसके दूसरे साथी कुमार विश्वास अमेठी में ताल ठोकने लगे। लेकिन यह प्रयोग सफल नहीं हुआ... दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद

भवन निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी के कारण कहीं भी हो सकता है तो फिर मैदान के लिए दुर्लभ समतल जगह को क्यों बरबाद कर रहे हो। हर शिक्षा संस्थान को अपना खेल मैदान चाहिए। नए खेल मैदानों का निर्माण व पुरानों का संरक्षण जरूरी है...

देश के वर्तमान हालात को देखकर ‘भारतीय अवसरवादी पार्टी’ नाम से एक राजनीतिक दल बनाए जाने की आवश्यकता है। वैसे तो हमारे यहां सभी दल अवसरवादी हैं, परंतु अब जो दल बने, वह खुले रूप से ही अवसरवाद का नारा देकर सत्तारूढ़ हो तो भारतीय जनता को किसी प्रकार का मुगालता भी नहीं रहेगा तथा अफसोस भी नहीं होगा। अवसरवाद का भारतीय राजनीति में सदैव ही बड़ा बोलबाला

भजन-कीर्तन करते हों तो करें। माला जपते हों तो जपें। उसमें कुछ भी बदलने की आवश्यकता नहीं है। समझना सिर्फ ये है कि ये सब अध्यात्म की शुरुआती सीढिय़ां हैं। अध्यात्म में आगे तब बढ़ेंगे जब हम खुद भगवान हो जाएंगे, तो हमारा हर काम खुद-ब-खुद परमात्मा को समर्पित होता चला जाएगा। जीवन सिर्फ स्वस्थ ही नहीं होगा, खुशनुमा भी होगा और खुशहाल भी होगा। स्पिरिचुअल हीलिंग, यानी आध्यात्मिक उपचार इस मामले में हमारे लिए सबसे उपयुक्त साधन है, जो हमें हमारी मानसिकता