पीके खुराना

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार आंकड़ों में देश की अर्थव्यवस्था के गीत गाए जा रहे हैं, लेकिन क्या बातों से वस्तुस्थिति छिप सकती है। अब आखिरी समय में मोदी सरकार ने इतने लालीपॉप बांटे हैं कि जनता के हर वर्ग को उसने छुआ है, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि क्या किसी प्रधानमंत्री को सिर्फ

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार एक और बात पर ध्यान देना आवश्यक है। बालाकोट हमले के बाद आतंकवादियों की संख्या को लेकर फौज ने कभी कोई दावा नहीं किया। इसलिए यदि कोई सवाल उठाए जा रहे हैं, तो ये फौज के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन यदि राजनीतिक नेताओं ने कोई दावा किया है, तो उसकी पड़ताल

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार पाकिस्तान के इस बयान के बावजूद हमें नहीं भूलना चाहिए कि अपने देश में किरकिरी से बचने के लिए अब पाकिस्तान ताबड़तोड़ कोशिशें करेगा, वहां के आतंकवादी संगठन भी सक्रिय होंगे। अतः आने वाला कुछ समय बहुत समझदारी और सावधानी की मांग करता है। ऐसा लग रहा है चोट खाया पाकिस्तान

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार अब आवश्यकता है कि पाकिस्तान से हर तरह का संबंध खत्म किया जाए, स्थानीय अलगाववादियों और उनकी संस्थाओं के साथ-साथ देवबंद द्वारा संचालित मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाए, धारा 35-ए और धारा 370 को समाप्त किया जाए, उद्योग को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं और पेशेवर ढंग से भारत

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार यह खेद का विषय है कि हमारे संविधान ने खुद ही लोकतंत्र को मजाक बना डाला है। इस स्थिति से बचने का एक ही उपाय है कि अमरीकी शासन प्रणाली की तर्ज पर विधायिका और कार्यपालिका को बिलकुल अलग किया जाए। यानी संसद का सदस्य मंत्री न बन सके और मंत्रिपरिषद

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार भ्रष्टाचार निरोध के मामले में भी ऐसा ही है। सिर्फ विरोधी दलों के नेताओं के भ्रष्टाचार पर ही कार्रवाई हो रही है, वरना यह कैसे संभव था कि जय शाह की कंपनी के अकल्पनीय विस्तार की कोई जांच न होती? जय शाह पर प्रवर्तन निदेशालय कोई कार्रवाई न करता? उसके घर

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार प्रियंका गांधी को कांग्रेस में महासचिव बनाए जाने की खबर विश्व भर में बड़ी खबर बनी। विभिन्न चैनलों और वेबसाइटों के सर्वे कांग्रेस की बढ़ी हुई सीटों की बात करते हैं। निश्चय ही तीन राज्यों की जीत ने कांग्रेसजनों में आशा और उत्साह की नई लहर जगाई है, लेकिन एक मतदाता

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार मैंने और मेरी टीम ने फेसबुक को खंगाला और ऐसे 250 लोगों की सूची बनाई जो इन सवालों का जवाब दे सकने के काबिल नजर आते थे। हमने उन सब को फोन किया और अपना मकसद बताया। अढ़ाई सौ लोगों में से 102 लोगों ने सर्वेक्षण में शामिल होने की सहमति

पीके खुराना राजनीतिक रणनीतिकार संसदीय प्रणाली के कारण हमारे संविधान के बहुत से प्रावधान लोकतंत्र की मर्यादाओं के विरुद्ध जाकर लोकतंत्र के मजाक का कारण बने हैं और निहित स्वार्थों के कारण कोई सरकार इसे सुधारने का प्रयत्न नहीं करती। यही कारण है कि अब संविधान की समग्र समीक्षा की मांग उठने लगी है… हमारे