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गणतंत्र दिवस की बेला पर उग्र किसानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के समक्ष किसी धर्म विशेष का झंडा फहराए जाने की घटना से लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। विदेशों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर सम्मान किया गया, मगर यह कितने दुर्भाग्य की बात है कि अपने देश में उग्र किसानों ने गौरव के इस

17वीं शताब्दी में मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा दिल्ली में बनाया गया लाल किला हमेशा ही सत्ता और शक्ति का प्रतीक रहा है। यह किला देश की आन-बान और शान को प्रकट करता है। यह ऐतिहासिक स्मारक विश्व धरोहर की सूची में शामिल है और भारत के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। 26 जनवरी

कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार ये षड्यंत्रकारी इन्हीं लाशों का इंतज़ार कर रहे थे ताकि उन लाशों को लेकर पूरे पंजाब में आग लगा सकते। राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका वाड्रा पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। उनको पंजाब के लोगों की लाशें तो नहीं मिलीं लेकिन वे उसके लिए लंबा इंतज़ार करने

बापू! आज आप पढ़ने लिखने वालों के बीच, कलाकारों के बीच आप मात्र एक ‘‘वैचारिक ख़ुराक’’ बन कर रह गए हैं। आपके लिए ईश्वर, सत्य व अहिंसा एक ही थे। आपका विश्वास था कि जो व्यक्ति सत्य पर टिका है वह निश्चय ही अहिंसक होगा। परंतु आज उसी व्यक्ति की ‘‘पूछ’’ है जो सिर से

अब हम उस राजनीति की बात करेंगे जो वैक्सीन को लेकर चल रही है। भारत ने एक सुरक्षित, सस्ती तथा प्रभावकारी दवा का निर्माण किया। इस प्रयास को विश्व भर में श्लाघा भी मिली, लेकिन अपने घर में इसको लेकर राजनीति के सिवाय कुछ नहीं हुआ। हमने सुना कि यह भाजपा की वैक्सीन है तथा

हिमाचल प्रदेश में इस समय हर जिला स्तर सहित कई जगह उपमंडल स्तर पर भी इंडोर स्टेडियम बन कर तैयार हैं, मगर उन स्टेडियमों में बनी प्ले फील्ड का उपयोग प्रशिक्षण के लिए खिलाडि़यों को ठीक से करना नहीं मिल रहा है। वहां पर अधिकतर शहर के लाला व अधिकारी अपनी फिटनेस करते हैं… अंतरराष्ट्रीय

टीम के कई प्रमुख खिलाड़ी चोट और निजी कारणों से आस्ट्रेलिया के खिलाफ  सीरीज़ में शामिल नहीं थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने जुझारू प्रदर्शन किया और लगातार दूसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की है। भारत के इस जीत के चर्चे अमरीका, इंग्लैंड और पाकिस्तान में भी सुनाई दिए। कई प्रमुख विदेशी अखबारों ने

शिक्षण संस्थान एक बार पुनः खोलने की अधिसूचना से नई उमंग, आशाओं तथा नई उम्मीदों का संचार हुआ है। सभी विद्यार्थी, अभिभावक, अध्यापक शिक्षण संस्थान खोलने की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में चहल-पहल होगी… हिमाचल प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में एक बार फिर

इसमें परिवर्तन यह करना चाहिए कि व्यक्तिगत लोगों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं जैसे सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और इम्प्लोयी इंश्योरैंस कारपोरेशन आदि पर खर्च घटाकर कोविड जैसे संक्रामक रोगों की रिसर्च पर खर्च बढ़ा देना चाहिए। पांचवां, अन्य तमाम मंत्रालयों पर 2019-20 में 20.0 लाख करोड़ रुपए का खर्च हुआ था। इन सभी के