डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं पत्रकारों के तीखे प्रश्नों से घबरा कर जोसफ ने एक और जानकारी उगल दी। उसने कहा दुबई में मेरे और मिशेल के एक सांझे दोस्त हैं। उसने मुझे मिशेल के लिए न्यायालय में पेश होने के लिए कहा था। सोनिया कांग्रेस का विधि विभाग दुबई में एक

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं 1200 से लेकर 1800 तक छह सौ साल में इन विदेशी शासकों ने केवल भारत को पददलित ही नहीं किया, बल्कि पूरे पश्चिमोत्तर भारत को साम-दाम-दंड-भेद से इस्लाम मत में दीक्षित करने का मजहबी काम भी निपटाया। उसके परिणामस्वरूप सप्त सिंधु क्षेत्र के अधिकांश हिस्से मसलन बलूचिस्तान,

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं आखिर ये तीनों दल जो परस्पर विरोधी ही नहीं, बल्कि जिनके पास एक आसन पर बैठने का एक भी आधार नहीं है, इसके लिए क्यों तैयार हुए? इसका एक कारण पीडीपी और एनसी का स्थानीय निकाय चुनावों के बहिष्कार का आत्मघाती निर्णय था, जिसका एहसास उन्हें अब

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं मुगलों को मराठों, पंजाबियों, राजपूतों ने उखाड़ दिया। भारत के लोग अंततः जीत गए, लेकिन अरबों के उत्तराधिकारी सैयद, तुर्क, मुगल और अफगान अपने मन से शासक होने के भूतकाल को नहीं छोड़ सके। उसको पकड़े रहने का सबसे बड़ा माध्यम उर्दू ही हो सकता था। अरबों की

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं भारतवंशियों ने हिम्मत करके अयोध्या में ही एक बार फिर राम लला के लिए उनका घर बना कर ही दम लिया। चाहे यह छोटा सा घर, तरपैल की छत लिए राम की गरिमा के अनुकूल तो नहीं है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में भारतीयों से जितना संभव हो

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं स्मृति ईरानी के कथन की समीक्षा करनी होगी। स्मृति ईरानी ने कहा कोई अकलमंद व्यक्ति किसी मित्र के घर में ‘खून आलुदा’ कपड़े लेकर नहीं जाता। यह किसी भी सभ्य समाज में मर्यादा के विपरीत माना जाएगा। स्मृति ईरानी इतना तो जानती ही होंगी कि उनका यह

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं केरल में सीपीएम की सरकार है। सीपीएम के लिए धर्म अफीम के समान है। इसलिए लोगों के मन से धर्म के प्रभाव को समाप्त करना उनकी विचारधारा का हिस्सा है। शायद इसीलिए कुछ लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि केरल की कम्युनिस्ट सरकार ने जानबूझकर कर

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं यह इलाका मायावती का था, इस इलाके में सोनिया गांधी को मायावती अपनी शर्तों पर चलाना चाहती है, लेकिन सोनिया गांधी यदि इन शर्तों को मानती है तो उसके लिए यह निहायत घाटे का सौदा होगा। इतिहास को जानने वाले यह भी जानते हैं कि इटली वाले

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों दल पंचायतों के चुनावों से उभरे नेतृत्व को कोई अधिकार देने को तैयार नहीं हैं। इसलिए वे भारतीय संविधान में पंचायत प्रतिनिधियों को दिए गए अधिकारों के प्रावधानों को जम्मू-कश्मीर में लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन कश्मीर