भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक   हिमाचल प्रदेश में कई खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधा कई जिलों में बनी हुई है। हमीरपुर तथा बिलासपुर में दो एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक है। ऊना में हाकी के लिए एस्ट्रोटर्फ बिछा है। वहां पर राज्य सरकार स्वयं या फिर केंद्र सरकार के साथ मिलकर

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हम चाहे कितने भी किताबी कीड़े बनकर अच्छे कालेजों  से चिकित्सक, अभियंता, प्रबंधक, प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी क्यों न बन जाएं, अगर हम शारीरिक रूप से फिट नहीं होंगे, तो हम ईमानदारी से देश व प्रदेश को साठ वर्ष की आयु तक अपनी सेवाएं पूर्ण रूप से नहीं दे पाएंगे।

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक मंडी से नालागढ़ तक के इस सफर के 45 वर्षों में काफी कुछ सुधरा है। हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक नहीं तीन सिंथैटिक टै्रक हैं। कई धावक-धाविकाएं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता हैं, कई राष्ट्रीय तकनीकी अधिकारी हैं। ऐसे में हम अपने धावक-धाविकाओं को अच्छा मंच तो

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक   स्कूल स्तर पर अच्छे खिलाडि़यों के लिए प्रशिक्षण सुविधा का भी प्रबंध अनिवार्य रूप से होना चाहिए। सरकार को चाहिए कि शिक्षा विभाग के स्कूलों में हर बच्चे का बैटरी टेस्ट कम से कम त्रैमासिक स्तर पर लिया जाए और उसका रिपोर्ट कार्ड भी बनाया जाए। उसमें सुनिश्चित करवाया

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हमीरपुर एथलेटिक्स संघ एकमात्र ऐसा खेल संघ है, जिसमें केवल पूर्ण एथलीट ही पदाधिकारी व सदस्य हैं।  इस संघ के लाइफ अध्यक्ष प्रो. डीसी शर्मा हैं, जो स्वयं शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक रहे हैं तथा बाद में कालेज प्राचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वर्षों उनकी देखरेख में यह

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक धर्मशाला व बिलासपुर में खेल छात्रावास हैं, इसलिए हमीरपुर महाविद्यालय में खेल विंग एथलेटिक्स के लिए चल सकता है। वर्षों पूर्व यहां पर जब निजी स्तर पर निःशुल्क एथलेटिक प्रशिक्षण चला तो लगभग दो दशकों से अधिक समय तक यह महाविद्यालय एथलेटिक्स में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतता रहा है।

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक आज आशीष एशियाई मुक्केबाजी प्रतियोगिता के सेमीफाइनल में पहुंचकर पदक विजेता तो बन ही गया है। हिमाचल प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस स्टार मुक्केबाज को आउट ऑफ टर्न पदोन्नति देकर इसके हौसले को इतना बुलंद कर दे कि यह प्रतिभावान खिलाड़ी अगले वर्ष ओलंपिक क्वालिफाई के लिए अधिक से

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक अंकेश चौधरी, सावन वरवाल व तमन्ना सहित और भी कुछ एक नाम हैं, जो आने वाले कल में हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर पदक देकर भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। आज हिमाचल के धावकों व धाविकाओं तथा उनके प्रशिक्षकों को सुविधा की कोई कमी नहीं है। पुष्पा ठाकुर व

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक गेहूं, मक्का आदि अनाज हमारे अपने खेत में आज भी हो जाता है, मगर उसे न खाकर हम सस्ते डिपो से मिलने वाले बिना प्रोटीन के आटे की रोटी खा रहे हैं। हमारे खाने से हमें मिलने वाला परंपरागत प्रोटीन, जो हमें दूध, गेहूं व दालों से मिलता था, आज