भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक ओलंपिक के रजत पदक विजेता विजय कुमार को नौकरी के लिए दो वर्ष इंतजार करना पड़ता है। एशियाई खेलों में एक स्वर्ण व एक रजत पदक विजेता कविता ठाकुर के पास अभी तक नौकरी क्यों नहीं है, क्या इस बात का उत्तर कोई देगा? एशियाई खेलों को खत्म हुए आज

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक आज खेल देश में बहुत बड़ा व्यवसाय बनने जा रहा है। हर अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य आज खेल के मैदान में भी देख सकता है। किसी भी पढ़ाई में स्कूली स्तर पर यह बहुत बड़ा वजीफा है। खेलो इंडिया में खिलाड़ी आगे निकलकर ओलंपिक पोडियम योजना में चयनित होकर

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक खेल में प्रतिभावान लाखों में एक मिलता है। खंड स्तर पर अधिक बजट का प्रावधान कर हमें हर पंचायत स्तर तक यह प्रतिभा खोज प्रक्रिया अपनानी चाहिए। हर स्कूल अपने यहां अपने विद्यार्थियों का शारीरिक क्षमता का टेस्ट ले, जिसमें स्पीड पर अधिक ध्यान केंद्रित हो, क्योंकि भारत अगर सबसे

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हिमाचल में कई खेलों में कनिष्ठ स्तर तक खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत लेते हैं, मगर आगे राज्य में उचित खेल वातावरण के अभाव में वे असमय ही खेल को अलविदा कह देते हैं। प्रदेश में अच्छा प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए खेल विभाग व खेल संघों को मिलकर

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं पुलिस के पास विभिन्न खेलों के कई अच्छे खिलाड़ी हैं, उन्हें अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रम की जरूरत है और जो खिलाड़ी खेल छोड़ चुके हैं वे अच्छा प्रशिक्षण कार्यक्रम चला सकते हैं। यह पंजाब पुलिस शुरू भी कर चुकी है। पुलिस विभाग के पास दिनेश कुमार जैसे एथलेटिक प्रशिक्षक

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं शारीरिक बीमारियों से निपटने के लिए प्रयुक्त होने वाली बहुत सी तकनीकों की खोज प्रशिक्षकों ने खेल के मैदान या व्यायामशालाओं में की है। आज औषधियों तथा शारीरिक प्रशिक्षण के बीच समुचित संबंध स्थापित हो चुका है। एथलेटिक्स प्रशिक्षण के क्षेत्र में होने वाली प्रगति का उपयोग आज

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं अब वर्षों से सोई पड़ी जिला खेल परिषदों को जाग कर सभी खेल संघों के साथ साल में आवश्यकतानुसार बैठक कर प्रदेश में किशोरों व युवाओं को फिटनेस व मनोरंजन के साथ जोड़कर भविष्य के अच्छे नागरिक बनाने में सहायता करनी चाहिए… भारत में खेलें शिक्षा की तरह

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं राज्य में कई प्रशिक्षक, शारीरिक शिक्षक व पूर्व खिलाड़ी कई जगह प्रशिक्षण कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं। जब उनके ट्रेनी विजेता प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें भी समारोह में सम्मानित करें। उनका जुनून व जज्बा भी बना रहेगा और एक स्वस्थ परंपरा भी शुरू हो जाएगी… हिमाचल प्रदेश

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं 15 वर्ष के किशोर खिलाड़ी को 18 वर्ष के युवा खिलाड़ी के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है, जो अन्यायपूर्ण है। इस वर्ष तो धन भी 20 लाख से 40 लाख कर दिया है, इसलिए अगले सत्र से अंडर-17 वर्ष के लिए टीम भेजती बार खेलो इंडिया नियमों का