भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक इस सबका कारण है हमारे देश में स्कूली स्तर पर आठ से 12 वर्ष के बच्चों के लिए कोई भी ऐसा कार्यक्रम नहीं है, जिससे स्पीड जैसी महत्त्वपूर्ण शारीरिक क्षमता का सही ढंग से विकास हो सके। हमारे देश में प्राथमिक स्कूलों के अच्छे घास के मैदानों का अभाव है।

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक अजय ठाकुर का फुटवर्क भी इसी प्रशिक्षण केंद्र की देन है। अजय ठाकुर अभी अगले एशियाई खेलों तक अपना खेल जारी रखेगा। पहली मई, 1986 को जन्मे अजय ठाकुर का खेल जीवन हिमाचली युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। भविष्य में अजय ठाकुर के इस लंबे व उत्कृष्ट अनुभव का

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक आज हमें हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में एथलेटिक्स क्रियाओं से जुड़ी स्पर्धाओं का प्रशिक्षण देकर अपने विद्यार्थियों की फिटनेस को निखारना होगा। शारीरिक क्षमताओं को मापने के लिए एथलेटिक में बैटरी टेस्ट बने हैं, इनसे ठीक उसी तरह शारीरिक क्षमताओं का पता चलता है, जैसे चिकित्सक पैथोलॉजी के टेस्टों से

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हिमाचल में अगर विश्व स्तरीय शीतकालीन खेलों की सुविधा होगी, तो यहां पर अधिकतर एशियाई स्तर की प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहेंगी, जैसे जापान के नागानों में हर वर्ष कोई न कोई प्रतियोगिता होती रहती है। हर वर्ष ओलंपिक व एशियाई खेलों से पहले भारतीय खिलाड़ी विदेशी धरती पर महीनों देश

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हिमाचल प्रदेश से पहली बार एवरेस्ट फतह करने वालों में डिकी डोलमा, बलदेव कंवर व राधा देवी आदि पर्वतारोहियों के लिए उस समय पूरा खर्चा भारतीय पर्वतारोहण संस्थान ने उठाया था। इस समय हिमाचल प्रदेश में कई बड़े घराने अपने व्यवसाय चला रहे हैं, जिनमें  करोड़ों रुपए का लाभ होता

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक भारत के धावकों तथा अन्य आक्सीजन वाली खेलों के खिलाडि़यों को ऊंचाई पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए यूरोप सहित अन्य ऊंचाई पर स्थित प्रशिक्षण केंद्रों में भेजने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों की विदेशी मुद्रा को खर्च किया जाता है। हिमाचल प्रदेश में खेलों के लिए जलवायु अमरीका व यूरोप

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हमें अपने बच्चों को नशेड़ी बनाना है या भविष्य के अच्छे नागरिक,  इसके लिए हमें आज ऐसे स्कूलों की जरूरत है जहां अच्छी पढ़ाई के साथ विद्यार्थी के स्वास्थ्य के लिए फिटनेस कार्यक्रम भी हो। विकसित देशों के स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा के शिक्षक हर विद्यार्थी तक पहुंच कर उसकी

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक विकास ठाकुर ने सेना में होते हुए भी पिछले वर्ष हिमाचल का प्रतिनिधित्व कर वरिष्ठ भारोत्तोलन की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत तथा 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाला यह होनहार भारोत्तोलक इस समय राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में 2020 ओलंपिक खेलों

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक इस बार हिमाचल को खेलो इंडिया में दो स्वर्ण, एक रजत तथा आठ कांस्य पदकों सहित कुल 11 पदक मिले हैं। पिछली बार हिमाचल को दो स्वर्ण तथा दो कांस्य पदकों सहित कुल चार ही पदक मिले थे। इस बार पदक तालिका में हिमाचल का स्थान पिछले वर्ष के 33वें