शाहतलाई —  नगर पंचायत तलाई में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने से यहां उपचार करवाने आने वाले मरीजों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि इस स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा तो बढ़ा, लेकिन सुविधाओं के आभाव के चलते लोगों के लिए सफेद हाथी के समान

शिमला  – नगर निगम शिमला का रुल्दूभट्टा वार्ड आजादी के आंदोलन के इतिहास को समेटे हुए है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसी वार्ड के सुभाष ग्राउंड में जनसभा को संबोधित कर आजादी के लिए संगठित किया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सन 1921 में शिमला आए थे।  शिमला में उनका यह पहला दौरा था। इसके अलावा

दौलतपुर चौक —  नगर पंचायत दौलतपुर चौक के कूहा देवी में स्थित 200 वर्ष पुरानी पुखर (तालाब) का अस्तित्व अनदेखी के चलते आज खतरे में है। 200 वर्ष बनी इस पोखर के किनारे डंगे न होने से इसमें मिट्टी भर रही है, जिससे इसमें पानी की क्षमता कम हो रही है। साथ ही मछलियों के

फतेहपुर —  वन विभाग रे रेंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुंडल, पनाल में तेंदुए ने आतंक मचा रखा है। स्थानीय ग्रामीण कुलवीर सिंह, दिलबाग सिंह, बलदेव सिंह, रीना देवी, स्मरिता देवी, प्रकाश और जोगिंद्र आदि ने बताया कि कुछ दिनों से क्षेत्र में तेंदुए ने लोगों को घरों से निकलना बंद कर रखा है और

शिमला – शिमला के राम मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय भव्य धार्मिक अनुष्ठान का रविवार को समापन हो गया। डेरा बाबा रुद्रानंद सेवक मंडल शिमला की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में अंतिम दिन डेरा प्रमुख  श्री श्री 1008 स्वामी सुग्रीवानंद  महाराज के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्वामी सुग्रीवानंद महाराज

शिमला — हिमाचल प्रदेश में नए उद्योग क्षेत्रों में औद्योगिकीकरण को विकसित करने के नजरिए से सरकार ने उद्योगपतियों के लिए रियायतों का पिटारा खोल दिया है। पुराने नियमों में संशोधन कर यह निश्चित करने की कोशिश

बैजनाथ —  प्रदेश में एकमात्र आयुर्वेदिक संस्थान राजीव गांधी राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला का अस्पताल कर्मियों की कमी के कारण समस्याओं से जूझ रहा है, जो मूलभूत सुविधाएं इस अस्पताल को मिलनी चाहिए नहीं मिल पा रही हैं। भले ही यहां स्नातकोत्तर महाविद्यालय होने के कारण डाक्टरों की कमी नहीं, मगर जब स्टाफ ही पूरा

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं सैनिकों की हत्या के बाद उनके शरीर को क्षत-विक्षत करना कोई नई बात नहीं है। चिंता का विषय यहां यह है कि पाकिस्तान इस घटना में भी पहले की ही तरह साफ-साफ मुकर गया। दुर्भाग्यवश उसे इस मर्तबा भी इस निंदनीय घटना को लेकर कोई पश्चाताप नहीं है, कोई

धर्मशाला —  उद्यान एवं बागबानी विभाग जिला कांगड़ा ने फलदार पौधों का बागीचा लगाने के इच्छुक लोगों को विभाग को सूचित करने को 15 जून तक का समय निर्धारित किया गया है। जमीन में बागीचा लगाने के इच्छुक आवेदन पंचायत,  बीडीओ और उद्यान विभाग के माध्यम से आर्डर बुक कर सकते हैं। इतना ही नहीं,

कांगड़ा —  नागरिक अस्पताल कांगड़ा में मरीज तो पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें मुकम्मल इलाज न मिल पाने से मुश्किलें बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों डाक्टरों के न होने की वजह से मरीजों को यहां दाखिल करने के बजाय रैफर करने की तरजीह दी जा रही है। वर्ष 2015 में इंडोर पेशेंट की संख्या 16 हजार 309