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भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक सरकार को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होना होगा। जैसे जल मार्ग, खनन एवं थर्मल बिजली संयंत्रों को छूट देने के पीछे सरकार की मंशा देश में मैन्युफेक्चरिंग को बढ़ावा देने की है। सरकार को मैन्युफेक्चरिंग अर्थात मेक इन इंडिया को छोड़कर सेवा क्षेत्र यानी ‘सर्विस फ्रॉम इंडिया’ का नारा अपनाना चाहिए।

कहानी एकदम फिल्मी है, परंतु भारतीय मानसिकता एवं विकृत व्यवस्था की जीती-जागती मिसाल है। हैरानी है कि पूरे घटनाक्रम से विपक्ष पूरी तरह नदारद था। न उनका कोई सवाल था, न गरीब के प्रति कोई संवेदना। कहां जा रहा है हमारा लोकतंत्र? विपक्ष विहीन लोकतंत्र की कल्पना तो बाबा साहेब अंबेडकर ने भी नहीं की

विकास कभी नहीं मरता। विकास कभी मर ही नहीं सकता। विकास शाश्वत है, अमर है; नेता जी के दिल में ़कायम कुरसी की तृष्णा की तरह, आ़िखरी सांस लेते आदमी की और जीने की इच्छा की तरह। विकास कभी नहीं मर सकता। चाहे उत्तम प्रदेश की ़खाकी अपनी मनोहर कहानियां गढ़कर उसका एन्काउंटर ही क्यों

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री डिजिटल भुगतान ने भी डिजिटल दौर को भारी प्रोत्साहन दिया है। देश में जो डिजिटल पेमैंट कोरोना के पहले जनवरी 2020 में करीब 2.2 लाख करोड़ रुपए के थे, वे जून 2020 में 2.60 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। इन सबके अलावा टिकटॉक जैसे चीनी

राजेंद्र मोहन शर्मा रिटायर्ड डीआईजी इसी तरह हाल ही में उत्तर प्रदेश में विकास दुबे नामक गैंगस्टर ने पुलिस के आठ अधिकारियों की हत्या कर दी तथा इस घिनौनी घटना के संबंध में किसी भी संस्था ने अपना मुंह नहीं खोला। जब पुलिस ने विकास दुबे व उसके पांच अन्य साथियों को अलग-अलग मुठभेड़ों में

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार मतांतरण की यह प्रक्रिया आज तक चली हुई है। फारस देश से आने वाले इन सैयदों और मध्य एशिया से आने वाले तुर्क-मुगल मंगोल ने अपने प्रयास नहीं छोड़े। वे कश्मीर के केवल इस्लामीकरण से ही संतुष्ट नहीं हुए, बल्कि उसके अरबीकरण की ओर भी प्रयासरत रहे। 1990 में

प्रताप सिंह पटियाल लेखक बिलासपुर से हैं भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र पर पाक फौज की कब्र खोद कर उस पर अपनी फतह का रक्तरंजित मजमून लिख कर विश्व को अपने रुतबे व हैसियत का पैगाम दे दिया कि जमीनी युद्धों में भारतीय थलसेना विश्व में सर्वोत्तम है। आखिर 26 जुलाई 1999

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार राजस्थान के मामले में फोन टैपिंग का मसला भी सामने आया है जिसमें धन की पेशकश की जा रही है। यह उचित समय है जब विधायिका की लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली के ऐसे दुरुपयोग से बचने के लिए कानून में बड़ा बदलाव किया जाना चाहिए। अनैतिक तरीके से दलबदल तथा भ्रष्टाचार

भूपिंदर सिंह राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रशिक्षक इसलिए आज भारत सरकार व कई राज्य अपने यहां नियमित अनुभवी विशेषज्ञ प्रशिक्षक न होने के कारण अनुभवी विशेषज्ञ प्रशिक्षकों को अपने यहां उच्च खेल परिणाम देने वाले प्रशिक्षण केंद्रों में अनुबंधित कर रहे हैं। गुजरात सहित कई राज्य अपने यहां मोटे अनुबंध पर विषेशज्ञ प्रशिक्षकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करवाने