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सुनील वासुदेवा लेखक शिमला से हैं पुलिस व जनता में कुछ मामलों में कुछ गतिरोध पिछले समय में सामने आया है, इस दूरी को कम करने के लिए प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया गया। पहले से प्रदेश में चल रही पुलिस की सामुदायिक योजनाओं को जनता के सहयोग से और प्रभावी तथा मजबूती

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक वित्तीय नीति में हम वर्तमान जनता पर भार आरोपित करते हैं जिसका लाभ भविष्य में मिलता है। जैसे पिता बच्चे की शिक्षा में निवेश करता है तो परिवार को उसका लाभ भविष्य में मिलता है। इसके विपरीत मौद्रिक और ऋण की नीति में लाभ वर्तमान में मिलता है, जबकि भार

प्रवीण कुमार शर्मा सतत विकास चिंतक इसके आधार पर हिमाचल में अब बीएड पास युवा भी प्राथमिक  शिक्षक पद पर अपना अधिकार जताने लग पड़ा है और यही कारण है कि मामला अब अदालत की शरण में है। बिहार में भी यही स्थिति सामने  आई थी, पर बिहार सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि प्राथमिक

अजय पाराशर लेखक, धर्मशाला से हैं सत्ता, साहित्यकार और ़िफल्म निर्माता कभी यथार्थ और कल्पना में अंतर नहीं मानते। इसीलिए ये लोग अपने हिसाब से अपने पीरियड ड्रामा में घटनाएं और करेक्टर पैदा कर लेते हैं। अगर के० आ़िफस कल्पना में अकबर और सलीम के सामने अनार कली को खड़ा नहीं करते तो मु़गले-आज़म कैसे

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री ऐसे में जो लोग बचत को निवेश करने के लिए सोना खरीदते हैं, उन्हें सरकार के द्वारा सोने की भौतिक खरीददारी से बचाते हुए स्वर्ण बॉन्ड के विकल्प की ओर प्रवृत्त करने हेतु हरसंभव प्रयास करना चाहिए। बचत को सोने में निवेश करने वालों के लिए गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों

राजेंद्र मोहन शर्मा सेवानिवृत्त डीआईजी हाल ही में उत्तर प्रदेश में विकास दुबे गैंगस्टर द्वारा आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई तथा उसका राजनीतिक व पुलिस संपर्क इतना मजबूत था कि उसके विरुद्ध 71 आपराधिक मामले दर्ज होने के बावजूद वह हिस्ट्री शीटर नहीं था। इससे स्पष्ट होता है कि विकास दुबे को

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अब कश्मीर घाटी में एसटीएम की राजनीति खत्म होने लगी है और कश्मीरियों की अपनी राजनीति शुरू होने लगी है। पिछले दिनों अजय और अब शेख वसीम बारी की शहादत इस बात का संकेत है कि आतंकवादी घाटी में परिवर्तन की इस हवा को किसी भी कीमत पर रोकना

जीवन धीमान लेखक नालागढ़ से हैं जनसंख्या दबाव के कारण कृषि के लिए व्यक्ति को भूमि कम उपलब्ध होगी जिससे खाद्यान्न, पेयजल की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा लाखों लोग स्वास्थ्य और शिक्षा के लाभों एवं समाज के उत्पादक सदस्य होने के अवसर से वंचित हो जाएंगे। भारत में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण

प्रो. एनके सिंह अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन सलाहकार भारत भी कोरोना की गिरफ्त में है और उसने कभी यह नहीं सोचा था कि चीन की ओर से उसे नए खतरे का सामना करना पड़ेगा। चीन का न केवल भारत से विवाद चल रहा है, बल्कि उसने हांगकांग, ताईवान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ भी विवाद