कुलभूषण उपमन्यु

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान फिलहाल तो सरकार ने हस्तक्षेप करके अपना पक्ष रखकर न्यायालय में बात रखी कि एफआरए के खारिज दावों के दावेदारों की बेदखली रोकी जाए, क्योंकि कुछ दावे ठीक जांच के बाद खारिज नहीं हुए हैं। यानी जबरदस्ती खारिज किए गए हैं। उच्चतम न्यायालय ने 22 जुलाई तक अपने निर्णय

कुलभूषण उपमन्यु हिमालयन नीति अभियान के अध्यक्ष किसी भी देश के स्वास्थ्य और प्रगति के लिए स्वच्छता की भूमिका को सभी समझते हैं। वर्तमान सरकार ने भी इस आवश्यकता को समझ कर इसे विशेष स्थान देकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। कह सकते हैं कि यह अभियान एक जन आंदोलन के रूप में प्रतिष्ठित होता

कुलभूषण उपमन्यु हिमालयन नीति अभियान के अध्यक्ष हाल ही के पुलवामा के निंदनीय और कायराना आतंकवादी हमले के बाद देश में प्रतिक्रिया होना स्वाभाविक था, किंतु यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विरुद्ध और आतंकवादियों के विरुद्ध ही होनी चाहिए थी। कई स्थानों पर कश्मीरी छात्रों, फेरी वालों या मजदूरों के विरुद्ध अभद्र व्यवहार की जो घटनाए

कुलभूषण उपमन्यु हिमालयन नीति अभियान के अध्यक्ष  इस तरह की अवैध घोषणा के बल पर गिलगित-बल्तिस्तान पाकिस्तान ने कब्जे में लिया और शेष पाक अधिकृत कश्मीर को आक्रमण के द्वारा अवैध कब्जे में लिया। अतः पकिस्तान का कश्मीर राग पूरी तरह अवैध दावों पर आधारित है… पुलवामा आत्मघाती हमले में हमारे 44 जवानों के शहीद होने

कुलभूषण उपमन्यु हिमालयन नीति अभियान के अध्यक्ष हमारे प्रधानमंत्री ने जीरो-डिफेक्ट और जीरो इफेक्ट विकास की बात बार-बार की है। जीरो इफेक्ट का अर्थ है पर्यावरण पर शून्य प्रभाव डालने वाला विकास। इस आदर्श को ध्यान में रखा जाए, तो आत्म्बोधानंद की भावना का तत्काल आदर करते हुए उनकी प्राणरक्षा की जानी चाहिए, इससे स्वामी

कुलभूषण उपमन्यु हिमालय नीति अभियान के अध्यक्ष इस कानून को लागू करने में नेक नीयती का परिचय नहीं दिया गया। कोई न कोई बहाना घड़ कर इसे टालने या कानून को लागू करने के लिए जरूरी प्रशिक्षण की व्यवस्था न करके कानून को लटकाया ही जा रहा है। 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी जी ने

कुलभूषण उपमन्यु लेखक, हिमालय नीति अभियान के पहली, 84.5 प्रतिशत जोतें इतनी छोटी हैं कि उन्हें आर्थिक रूप से लाभदायक बनाने के लिए निश उत्पादों जैसे बेमौसमी सब्जियां, विशिष्ट फल, जड़ी-बूटियां आदि के उत्पादन को प्रोत्साहित करना। दूसरी, विशिष्ट उत्पादों के लिए सिंचाई व्यवस्था का होना जरूरी है। तीसरी, जहां सिंचाई संभव नहीं हो, वहां

कुलभूषण उपमन्यु लेखक, हिमालय नीति अभियान के अध्यक्ष हैं परिषद पांच कार्य समूहों की रपट के आधार पर कार्रवाई बिंदु तय करेगी और हिमालयी राज्यों और केंद्र सरकार द्वारा हिमालय क्षेत्र में विकास के टिकाऊ मॉडल को क्रियान्वित करने और अनुश्रवण करने में सहायता करेगी। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि परिषद को अपनी भूमिका निर्वहन

कुलभूषण उपमन्यु लेखक, हिमालय नीति अभ्यिन के अध्यक्ष हैं आईआईटी मंडी (हिप्र) के ‘हिमालय क्षेत्रीय नवाचारी तकनीक विकास केंद्र’ ने तीन वर्ष की मेहनत के बाद चीड़ की पत्तियों से ब्रिकेट और पेलेट बनाने की तकनीक और प्लांट विकसित कर लिया है… चीड़ की पत्तियां वनों में आग लगने का हमेशा से एक बड़ा कारण