भरत झुनझुनवाला

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक जीएसटी के कारण अर्थव्यवस्था की कुशलता का लाभ नहीं मिल रहा है। जीएसटी लागू होने के कारण साइकिल की उत्पादन लागत कम हुई है, लेकिन आम आदमी के पास साइकिल खरीदने के लिए क्रय शक्ति ही नहीं रही है। यह ऐसे हुआ कि आम आदमी के सामने 56 भोग परोसकर

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक   सरकारी बैंकों को बेचकर उस रकम का सरकार के अधीन ही दूसरे कार्यों में निवेश करने से सरकार की भूमिका छोटी नहीं होती है, बल्कि सरकार की भूमिका में गहराई आएगी। मेरा तर्क अर्थव्यवस्था में सरकार की भूमिका को झुठलाने का नहीं, बल्कि उसको गहराने का है, जैसे परिवार

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक कुल आकलन इस प्रकार बैठता है। सरकारी बैंक अकुशल हैं, जबकि प्राइवेट बैंक इनकी तुलना में कुशल हैं। सरकारी बैंक की जवाबदेही आधी है, जबकि प्राइवेट बैंक में इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती है। सामाजिक दायित्व में सरकारी और प्राइवेट बैंक लगभग बराबर पड़ते हैं। अतः कुल मिलाकर सरकारी बैंकों

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक अतः इस समय सही मायने में सरकार के हाथ बंधे हुए हैं। सरकार की पिछले पांच सालों की नीतियों के कारण अर्थव्यवस्था कमजोर है। तदानुसार वित्तीय और मौद्रिक दोनों नीतियों से इस कमजोरी को तोड़ना कठिन है। जैसे कैंसर के मरीज को टॉनिक देकर ठीक नहीं किया जा सकता, उसी

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक 2017 में सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने थर्मल पावर प्लांट्स को वायु को प्रदूषित करने की पांच साल की और छूट दे दी है। विश्व के अधिकतम वायु प्रदूषित शहर भारत में हैं। वायु प्रदूषण कम करने को भाजपा ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। अतः पर्यावरण के मुद्दे पर

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक मेरा मानना है कि वित्त मंत्रालय को सूचना थी कि बुनियादी संरचना की मांग में वृद्धि नहीं हो रही है, लेकिन देश-मतदाता को बड़ी योजनाएं लागू करके प्रभावित करने के लिए वित्त मंत्रालय ने इस जानकारी को दबाए रखा और बड़ी योजनाओं को लगातार बढ़ाता गया, यद्यपि आर्थिक दृष्टि से

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक छोटे उद्योगों को संरक्षण देने का दूसरा आधार उद्यमिता के विकास का है। धीरूभाई अंबानी जैसे महान उद्योगपति किसी समय छोटे उद्योग चलाते थे। यदि छोटे उद्योगों को संरक्षण नहीं दिया जाता, तो धीरूभाई जैसे लोग कोई उद्यम शुरू कर ही नहीं पाते और उनकी उद्यमिता का विकास नहीं होता।

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक ऐसे में हम अमरीका का साथ देकर दोगुना नुकसान करेंगे। एक तरफ वेनेजुएला और ईरान से तेल न खरीद कर, महंगा तेल खरीदेंगे और दूसरी तरफ अमरीका भी हमारी मदद नहीं कर सकेगा। इसके विपरीत यदि हम वेनेजुएला औरईरान से तेल खरीदना जारी रखें, तो अमरीकी अर्थव्यवस्था के संकट को बढ़ा सकते

डा. भरत झुनझुनवाला आर्थिक विश्लेषक सौर ऊर्जा के गिरते दाम से हमें थर्मल एवं हाइड्रोपावर एक उत्तम विकल्प मिल गया है, चूंकि अपने देश में सूर्य की रोशनी भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। राजस्थान के रेगिस्तान, गुजरात के कच्छ क्षेत्र और कर्नाटक के पठार में विशाल क्षेत्रफल पर सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा