भूपिंदर सिंह

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं अगर सही प्रबंधन हो तो प्रदेश के महाविद्यालय आज अच्छे खिलाड़ी देश को दे सकते हैं। जहां खेल छात्रावास हैं, वहां पर अगर शारीरिक शिक्षा का स्नातक कोर्स शुरू कर दिया जाता है, तो जहां खिलाड़ी विद्यार्थियों को पढ़ाई में सुविधा रहेगी, वहीं पर जब वे आगे जाकर

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं हिमाचल में बिलासपुर, शिलारू तथा सावड़ा में भी सिंथेटिक टै्रक बिछ रहे हैं। बिलासपुर में तो कुछ महीनों में ही सिंथेटिक पड़ जाएगा। शेष कार्य पूरा हो चुका है। आज राज्य में विश्व स्तरीय सुविधा है। एशियाई खेलों में ही पदक जीतने पर प्रथम श्रेणी की नौकरी व

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं प्राथमिक विद्यालयों से ही बच्चों की शारीरिक फिटनेस को अनिवार्य रूप से मुद्दा बनाकर इस पर आवश्यक रूप से काम शुरू कर देना चाहिए, तभी हमें भविष्य के फिट नागरिक व अच्छे खिलाड़ी मिलेंगे… विश्व के खेल पटल पर हमारे देश का नाम अभी बहुत नीचे नजर आता

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं हमें अपने भविष्य के स्टार धावकों के लिए बिना भेदभाव के मंच उपलब्ध करवाना होगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय खेल परिषद को भविष्य में ध्यान देना होगा कि उसकी खेल प्रतिभाओं को इस तरह का खेल कैलेंडर मिले, जिसमें वह हर जगह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन बिना किसी भेदभाव

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं बच्चों को खेलों में भी भाग लेने के लिए उचित अवसर चाहिए होता है। आज जब खेल संघ, खेल  विभाग तथा स्कूली क्रीड़ा परिषद अपने-अपने स्तर पर इन खिलाडि़यों के लिए विभिन्न खेलों की प्रतियोगिताएं धन खर्च कर करवा रही है तो फिर यह भी सुनिश्चित होना चाहिए

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं किस तरह अधिक से अधिक बच्चों को एथलेटिक्स में जोड़ना है, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक महासंघ ने किड एथलेटिक्स कार्यक्रम शुरू किया है। इससे बच्चों में एथलेटिक्स के प्रति शौक जागेगा और भविष्य के उत्कृष्ट परिणाम देने वाले अद्भुत धावक व धाविकाएं मिलेंगी… शिक्षा का अर्थ मानव का

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं जिन-जिन महाविद्यालयों में जिस-जिस खेल की सुविधा है, वहां पर उस खेल का विंग चला देना चाहिए। इससे जहां खिलाड़ी को वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षक मिलेगा, वहीं पर उसे ठीक तरह से खाने, रहने की व्यवस्था भी अपने महाविद्यालय में ही मिल जाएगी…

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं शिक्षा संस्थान खिलाड़ी विद्यार्थी को उसकी पढ़ाई के साथ-साथ उसके खेल के लिए यदि सहायता करते हैं, तो वह भविष्य का विजेता बनकर देश को गौरव दिला सकता है। इसी तरह जब खिलाड़ी नौकरी में आ जाता है, तो उसे वहां पर प्रशिक्षण के लिए माकूल माहौल देकर

भूपिंदर सिंह लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं आज जब विद्यार्थी को विभिन्न प्रकार के नशे तथा मोबाइल का गुलाम होने से बचाना है, तो वैज्ञानिक समाधान किसी फिटनेस के विशेषज्ञ से हर विद्यालय को अपने यहां शुरू करवाना होगा, ताकि हर विद्यार्थी का शारीरिक विकास ठीक ढंग से हो सके… शिक्षा मानव का शारीरिक व मानसिक