कुलभूषण उपमन्यु

गोबर से बायो-गैस बना कर वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी आशातीत विकास संभव हो सकता है। बायो-गैस निर्माण को ऊर्जा उद्योग घोषित करके लघु-कुटीर उद्योग के रूप में प्रोत्साहित करना चाहिए, जिसमें खुद किसान ही उद्योग लगा कर लाभान्वित हो सकता है। बड़े पैमाने पर बायो-गैस निर्माण करके उसे सिलेंडर पैक भी किया जा

सरकार से तो यही अपेक्षा है कि जिला के खाली पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाए, विशेषकर शिक्षा, कृषि, बागवानी, चिकित्सा विभागों में… आकांक्षी जिला चंबा हिमाचल का सबसे पिछड़ा जिला है। हिमाचल में क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा जिला होने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। रावी, स्यूहल, चक्की,

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान इसलिए  यह ध्यान रखना होगा कि हमारी किसानी अमरीका की तरह कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में न चली जाए, जहां आज स्वतंत्र कृषक नाममात्र 2.5 फीसदी ही बचे हैं। ऐसी परिस्थिति को भारत जैसा देश कदापि सहन नहीं कर सकता जहां 60 फीसदी लोग खेती पर ही निर्भर हैं

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान भारतवर्ष में किसानों की समस्या नई नहीं है। आजादी से पहले ही अंग्रेजी राज में किसानी कर्ज और कम उत्पादन की शिकार हो गई थी। आजादी के बाद जितना ध्यान उद्योगों के विकास पर दिया गया, उतना कृषि के विकास पर नहीं दिया गया। 60 के दशक में देश

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान इस लापरवाही का ही परिणाम है कि आज हिमाचल के कई क्षेत्र भूजल दोहन के मामले में अर्द्ध नाजुक स्तर पर पहुंच गए हैं। ऊना जिले में पिछले 10 वर्षों में भूजल दो मीटर नीचे चला गया है। सोलन के नालागढ़ क्षेत्र में छह मीटर नीचे चला गया है।

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान इस प्रक्रिया से मीथेन गैस पैदा होती है जो कार्बन डाईआक्साइड से भी कई गुना ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग कारक होती है। भारत में बांध की झीलों से प्रति वर्ष अनुमानतः 33.5 मिलियन टन मीथेन गैस पैदा होकर वातावरण में चली जाती है। इसके अतिरिक्त कुछ कार्बन डाईआक्साइड आदि अन्य

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान कुछ घुमंतु जातियां अनुसूचित जनजाति संरक्षण पाकर अपने हालात सुधरने में सफल भी रही हैं। किंतु बहुत से समुदाय अभी असमंजस में बदहाली भुगत रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में भी ऐसे कई समुदाय हैं जिन्हें दूसरे राज्यों में विमुक्त जातीय दर्जा दिया गया है, किंतु हिमाचल में उन्हें घुमंतु

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान इस वर्ष असम, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी बांध ही बड़ी बाढ़ का कारण रहे हैं। कुछ वर्ष पहले ओडीशा में भयानक बाढ़ का कारण भी हीराकुड बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाना ही था। पंजाब भी यह त्रासदी कई बार झेल चुका है। इस

कुलभूषण उपमन्यु अध्यक्ष, हिमालय नीति अभियान यदि जैव विविधता बढ़ाने की दृष्टि से वन प्रबंध किया जा रहा हो, तभी किसी वन क्षेत्र की वस्तुओं और सेवाएं देने की क्षमता अधिकतम हो सकती है। जो वन व्यापारिक दृष्टि से निम्नीकृत माना जाएगा, वह स्थानीय आजीविका की दृष्टि से स्वस्थ वन हो सकता है। गरीबी के