अपनी माटी

महकमे की मांग पर प्रदेश सरकार ने बढ़ाया बजट… खेती कार्य के दौरान करंट से मौत पर पीडि़त किसान परिवार को अब तीन लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए बजट बढ़ा दिया है। अपनी माटी के लिए दिव्य हिमाचल द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार इस योजना में बजट बढ़ाने की

हिमाचल के मैदानी इलाकों में गेहूं की थ्रेशिंग खत्म हो गई है, जबकि पहाड़ी एरिया में यह काम जोरों से चल रहा है। अब धान का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में किसान जानना चाह रहे हैं कि वे इस बार धान की कौन सी किस्में रोपें जिससे पैदावार डबल हो जाए।  हमारे पास

प्रदेश में थ्रेशिंग के नाम पर किसानों से लूट का खेल चल रहा है, लेकिन कोई भी उनकी फरियाद सुनने वाला नहीं है। गौर रहे कि इस बार 1840 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं बिक रही है… देश में किसानों की आय डबल करने के लिए हमारे नेता हर रोज नए नए फार्मूले सुझाते हैं। बेचारे

ऊना के दीनालाल ने लाख कोशिशें कीं, लेकिन खेत में भिंडी नहीं उगी, इसी तरह पांवटा के संतोष ने टमाटर की पनीरी डाली, तो बीज फूट ही नहीं बन पाया। कुछ ऐसी ही कहानी थी कांगड़ा के रमेश की, उनके खेत में इस बार गेहूं का सिल्ला ढाई इंच भी नहीं बन पाया है। खैर,

हिमाचल सरकार आए दिन दावा करती है कि किसाना जीरो बजट खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन अगर आप सरकारी डिपुओं में देखें, तो वहां अंग्रेजी खाद की भरमार में कोई फर्क नजर नहीं आएगा। बेशक, सरकारी आंकड़ाां में अंग्रेजी खादी घटी, है, लेकिन यह समुद्र से महत एक घड़ा पानी निकालने के बराबर

निचले इलाकों में मौसम ने साथ दिया, लेकिन अप्पर में बारिश-धुंध बिगाड़ रही खेल दिव्य हिमाचल वेव टीवी के लिए अपनी माटी की टीम ने इस बार अप्पर शिमला में सेब की विस्तृत पड़ताल की। इस दौरान पता चला कि समुद्रतल से 2200 मीटर तक ऊंचाई वाले इलाकों में इस बार सेब की सेटिंग  प्रोपर

विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए रामबाग सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने कर दिखाया कमाल नई तकनीक से किसान भी पैदावार कर करेंगे कमाई विटामिन डी की कमी से जूझने वालों के लिए राहत भरी खबर है। सीएसआईआर ( हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान) पालमपुर के वैज्ञानिकों ने शटाके मशरूम का कैप्सूल तैयार कर दिखाया

धर्मशाला के एक्सीलेंस अवार्डी परिवार ने माटी को तराशकर बनाया सोना, कॉफी की फसल उगाकर हजारों किसानों को दिखाई कामयाबी की राह हिमाचल में ऐसे हजारों किसान हैं,जो बंजर जमीन पर कुछ भी नहीं उगाते हैं। तो ऐसे किसान भाइयों के लिए एक बड़ी उम्मीद बनकर उभरा है कांगड़ा जिला का नामी प्रगतिशील किसान परिवार।

वैज्ञानिकों ने चीन में पाए जाने वाले मोंक फ्रूट को स्टीविया की तर्ज पर मिठास के विकल्‍प के तौर पर तैयार किया है। कहने को मॉक फ्रूट चीनी के मुकाबले करीब 300 गुना अधिक मीठा होता है, लेकिन यह शुगर के मरीजों के लिए लाभदायक है भारत में शुगर एक ऐसी व्याधि है, जिससे हर