आस्था

कालाष्टमी अथवा काला अष्टमी का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है। कालभैरव के भक्त वर्ष की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा और उनके लिए उपवास करते हैं। सबसे मुख्य कालाष्टमी, जिसे कालभैरव जयंती के नाम से जाना जाता

-गतांक से आगे… वेदाद्यगमरूपाय वेदवेद्यस्वरूपिणे। अवाङ्मनसविषयनिजलीलाप्रवर्त्तिने॥ 14॥ वेद आदि आगमरूप वाले, वेद से ही जाने जाने वाले, अंतरमन के विषय तथा निज लीला का स्वयं प्रवर्तन करने वाले कृष्ण को नमस्कार है॥ 14 ॥ नमः शुद्धाय पूर्णाय निरस्तगुणवृत्तये। अखण्डाय निरंशाय निरावरणरूपिणे॥ 15॥ शुद्ध, पूर्ण, गुणों की वृत्ति से निरस्त, अखण्ड, निरंश तथा आवरण रहित रूप

ज्ञान और मोक्ष की प्रदाता भूमि गया में पितरों को पिंडदान देने की पुरातन परंपरा के अनुसार पितृपक्ष का विशेष महत्त्व है। वैदिक परंपरा और हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितरों के लिए श्रद्धा से श्राद्ध करना एक महान और उत्कृष्ट कार्य है। मान्यता के मुताबिक पुत्र का पुत्रत्व तभी सार्थक माना जाता है, जब वह

माता वैष्णो देवी जब तक किसी व्यक्ति पर अपनी कृपा दृष्टि नहीं करती, तब तक कोई भी दुर्गम रास्तों पर सफलता हासिल करके उनके चरणों तक नहीं पहुंच सकता है। कोरोना वायरस की वजह से माता देवी का दरबार भक्तों के लिए कुछ महीनो से बंद था। अब माता वैष्णो ट्रस्ट ने एक बार फिर

गतांक से आगे… जैसे पहाड़ी कला को नारी सुषमा कला कहा जाता है, जो प्रभु राधा कृष्ण के प्रेम का आधार मानकर बनवाई गई थी। लेखक मोहीनद्दीन मैं अपनी किताब तारीख ए पंजाब में लिखा है कि महाराजा संसार चंद जी अपार गुणी एवं पारखी होने के कारण प्रजा उन्हें, हातिम और उदारता और साहसी

ऐसा हो ही नहीं सकता कि पेरेंट्स को बच्चों पर गुस्सा न आए। बच्चे बहुत शैतान होते हैं और इस वजह से उनसे कई बार गलतियां हो जाती हैं। ऐसे में अकसर मां-बाप का बच्चों पर हाथ उठ जाता है। कुछ पेरेंट्स तो बच्चों को सबक सिखाने के लिए मारपीट को ही सही रास्ता समझते

पुरातन काल में एक अपराजित हेय दैत्य कृतवीर्य के आतंक से दसों दिशाओं में हाहाकार मच गया था। वह महाप्रतापी और वरदानी था। देवता और मनुष्यों में से कोई उससे लोहा ले सकने की स्थिति में नहीं था। सभी असहाय बने जहां-तहां अपनी जान बचाते फिरते थे। उपाय ब्रह्माजी ने सोचा। भगवान शंकर को एक

अगर आप जागरूकता के साथ शामिल हों तो ये बहुत खुशी से भरा हुआ रहेगा। आज हम वैज्ञानिक तरीके से यह साबित कर सकते हैं कि आपके शरीर का हर एक परमाणु सारे ब्रह्मांड के साथ बात करता है। आप उस अद्भुत घटना से मुंह फेरने की कोशिश कर रहे हैं जो आपके जीवन का

6 सितंबर रविवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, चतुर्थी 7 सितंबर सोमवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, पंचमी 8 सितंबर मंगलवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, षष्ठी 9 सितंबर बुधवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, सप्तमी 10 सितंबर बृहस्पतिवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, अष्टमी, कालाष्टमी 11 सितंबर शुक्रवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, नवमी, मातृ नवमी 12 सितंबर शनिवार, भाद्रपद, कृष्णपक्ष, दशमी