आस्था

ओशो उपनिषद जीवन विरोधी नहीं हैं और न ही यह जीवन को अपनाने से इंकार करता है। इसका उद्देश्य संपूर्णता को पाना है। जीवन को उसकी समग्रता के साथ जीना चाहिए। उपनिषद यह नहीं सिखाता कि आपको इस जीवन से बचना चाहिए या जीवन बदसूरत है, बल्कि ये तो जीवन में आनंद भरता है। उपनिषद

स्वामी रामस्वरूप श्रीकृष्ण महाराज का भाव है कि हे अर्जुन ! यदि तू भी इस संयम के रहस्य को जान जाएगा, तो अपने शरीर में ही ब्रह्मांड एवं परमेश्वर का दर्शन करने में समर्थ हो जाएगा और इससे आगे भी जो कुछ रचना आदि का अन्य विषय है, वह भी जान जाएगा… गतांक से आगे…

श्रीराम शर्मा युग निर्माण योजना का प्रधान उद्देश्य है विचार क्रांति। मूढ़ता और रूढिय़ों से ग्रस्त अनुपयोगी विचारों का ही आज सर्वत्र प्राधान्य है। आवश्यकता इस बात की है कि सत्य, प्रेम, न्याय पर आधारित विवेक और तर्क से प्रभावित हमारी विचार पद्धति हो। आदर्शों को प्रधानता दी जाए और उत्कृष्ट जीवन जीने की, समाज

बाल झडऩा मतलब बिना बात की टेंशन। हालांकि बारिश के मौसम में ज्यादातर लोगों के बाल झड़ते ही हैं। आजकल लोग सबसे ज्यादा बालों के झडऩे की समस्या से ग्रसित हंै। इससे निजात पाने के लिए लोग कई प्रकार के शैम्पू और ऑयल बदलते हैं, लेकिन उन्हें आराम नहीं मिलता है। वैसे भी बालों की

बच्चों को विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन तीनों को समान रूप से जरूर दें, क्योंकि इन तीनों के सेवन से बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो उन्हें बरसाती रोगों जैसे डायरिया, वायरल, आई फ्लू से बचाती है… गर्मी के बाद बरसात का आना तनमन को सराबोर कर जाता है, क्योंकि गर्मी से राहत जो मिलती है।

मानसून का मौसम लोगों के लिए विभिन्न व्यंजनों का आनंद लेने के लिए सबसे सही समय माना जाता है। हालांकि इस मौसम में सेहत के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मानसून के मौसम में कुछ मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे अपच, पाचन संबंधी समस्याएं, संक्रमण आदि। इसलिए आपको अपनी सेहत

* एसिडिटी की समस्या से राहत पाने के लिए ठंडे दूध का सेवन करें। * खाने के बाद सौंफ चबाना अच्छा विकल्प है। इससे पेट की अम्लता रुकती है और एसिडिटी से राहत मिलती है। * भुना हुआ पीसा जीरा गर्म पानी में घोल कर पीने से पेट दर्द और गैस से आराम मिलता है।

जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952 पूरे विश्व में सभी देशों के अस्तित्व में आने से लेकर वर्तमान तक सदा जनता पर सत्ता काबिज होती आई है इसके रूप जरूर अलग-अलग रहे हैं कभी लोकतंत्र, कभी तानाशाही, कभी राजतंत्र, कभी गुलामी सभी तरह के आका राज करते आए हंै। सभी सत्ताओं की

बाबा हरदेव गतांक से आगे.. मानवता का अर्थ है नैतिक गुणों का संचय, ऐसी जानकारी जिसमें अच्छा-बुरा, उचित-अनुचित, करुणा-घृणा, नम्रता-कठोरता आदि गुणों का विचार करके उन्हें अपनाने की क्षमता हो। यह पद्धति मानव को मानवीय गुणों से युक्त करके मानवता के दायरे में लाती है। मानव योनि उत्तम योनि मानी गई है क्योंकि इसमें विवेक